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Mumbai serial Blasts 12 March1993: 28 साल से पाकिस्तान में जिंदा घूम रहा है मुंबई का मुजरिम दाउद इब्राहीम

Mumbai serial Blasts 12 March, जख्म गहरे हैं ! (Photo Courtesy Google)

मुंबई धमाकों को 28 साल बीत चुके हैं। आज ही दिन 12 मार्च 1993 को मुंबई के माफिया (आतंकवादी) दाउद इब्राहीम के इशारे पर मुंबई की एक दर्जन जगहों पर बम धमाके किए गए थे। 250 से ज्यादा लोग मारे गए और न जाने कितने जख्मी हुए। पाकिस्तान के इशारे पर भारत के भीतर से इतना बड़ा ये पहला आतंकी हमला था। केवल मुंबई या भारत ही नहीं पूरी दुनिया कांप गई थी। मुंबई में धमाकों के लिए इस्तेमाल किए गए आरडीएक्स की मात्रा दूसरे विश्व युद्ध में किए गए आरडीएक्स के बराबर थी।

मुंबई में धमाके कराने के बाद दाउद पाकिस्तान में जाकर बैठ गया। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कराची आर्मी केंट के सेफ हाउस में उसे शरण दी। कहा जाता है कि दाउद आईएसआई की सुरक्षा में कुछ सालों तक दुबई आता-जाता रहता था। लेकिन अब पाकिस्तान में भी उसके ठिकानों में आईएसआई बदलाव करती रहती है।

मुंबई में 12 मार्च 1993 को पहला धमाका लगभग डेढ़ बजेबांबे स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग के बेसमेंट में हुआ। बिल्डिंग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इस धमाके में 50 निर्दोष लोग मारे गए थे। इसके बाद एक के बाद एक 12 और धमाके हुए। डेढ़ बजे दोपहर शुरु हुआ धमाकों का सिलसिला पौने चार बजे तक चलता रहा।

ऐसा बताया जाता है कि मुंबई धमाकों से तीन दिन पहलेपहले नौ मार्च, 1993 को उत्तर-पूर्वी मुंबई के एक बदमाश गुल को पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसको सांप्रदायिक दंगों में हाथ होने के आरोप में पकड़ा गया था। दाउद के गुर्गे टाइगर मेमन ने गुल को बम बनाने की ट्रेनिग के लिए पाकिस्तान भेजा था। वह चार मार्च को दुबई के रास्ते मुंबई पहुंचा। पता चला कि उसकी गैरमौजूदगी में उसके भाई को पुलिस पकड़ ले गई थी। अपने भाई को बचाने के लिए गुल ने पुलिस के समक्ष आत्मसर्पण कर दिया। उसने दंगे में अपनी भूमिका स्वीकारा कि बांबे स्टॉक एक्सचेंज, सहर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और शिव सेना भवन समेत कई प्रमुख स्थानों पर सीरियल बम विस्फोट की योजना टाइगर मेमन बना रहा है। इतनी महत्वपूर्ण जानकारी के बाद भी पुलिस ने ध्यान नहीं दिया।

दाउद इब्राहीम को अमेरिका ने 2003 में उसको वैश्विक आंतकी घोषित किया। इंटरपोल की वांछित सूची में शामिल। कई बार भारत ने पाकिस्तान को प्रमाण भेजे हैं कि वह पाकिस्तान में छिपा बैठा है। पहले तो कभी पाकिस्तान माना ही नही लेकिन 2020 में एफएटीएफ को भेजे एक दस्तावेज में दाउद के ठिकानों का खुलासा हो ही गया।

मुंबई धमाकों में शामिल कई पकड़े गए याकूब मेमन को फांसी भी दे दी गई। लेकिन दाउद और टाइगर मेमन के जुर्म का हिसाब-किताब बाकी है।