भारतीय<strong> नौसेना</strong> पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था (5 trillion Dollar economy) बनने के लिए भारत के प्रयास में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी। जिसमें तीन विमानवाहक, पनडुब्बी, विमान और ड्रोन का एक बेड़ा होगा। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि व्यापार के लिए समुद्री रास्ते हमेशा सुरक्षित रहें।
<strong>नौसेना</strong> प्रमुख कर्मबीर सिंह ने शुक्रवार को नौसेना दिवस पर <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/malabar-practice-worried-chinathreatens-australia-to-financial-loss-17308.html"><strong>इंडो-पैसिफिक (Endo-pacific)</strong> </a>क्षेत्र में व्यापार और वाणिज्य को सुरक्षित करने के लिए तीसरे विमानवाहक पोत को शामिल किए जाने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बात कही। एडमिरल सिंह ने कहा, "यदि आप पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना चाहते हैं तो आपको बाहर की तरफ जाना होगा। नौसेना नहीं चाहती है कि वह तट पर ही बनी रहे। इसके लिए विमानवाहक बिल्कुल जरूरी हैं।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मालवाहक-आधारित समुद्री नियंत्रण के बिना भारत के बढ़ते व्यापार की रक्षा नहीं की जा सकती है। <strong>नौसेना</strong> प्रमुख ने कहा कि चीन की आक्रामकता ने सुरक्षा स्थिति में जटिलताओं को काफी बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि चीन के मछली पकड़ने वाले जहाज और अनुसंधान पोत हिंद महासागर में काम कर रहे हैं। लेकिन उनमें से किसी ने भी भारत की समुद्री सीमाओं का उल्लंघन नहीं किया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के केवल तीन युद्धपोत 2008 के बाद से एंटी-पायरेसी ऑपरेशन के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में अदन की खाड़ी में मौजूद हैं।
<h2>नौसेना की जिम्मेदारियां बढ़ेंगी</h2>
हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि नौसेना की जिम्मेदारियां आने वाले दिनों में बढ़ने की संभावना है। क्योंकि भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव बढ़ रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि नौसेना अंडमान समुद्र में 10 डिग्री और छह-डिग्री चैनलों पर अपने प्रभुत्व का लाभ उठा सकती है। जिसका उपयोग व्यापार के लिए चीनी वाणिज्यिक जहाजों द्वारा किया जाता है।
<a href="https://hindi.indianarrative.com/india/indian-navy-day-2020-1971-war-indian-navy-under-operation-trident-attacked-karachi-harbour-20277.html">समुद्र में अपनी पकड़ और भी मजबूत करने के लिए भारत</a> क्वाड (चार देशों का समूह) के जरिए सैन्य अभ्यास भी कर रहा है। इन चार देशों में भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं। ये देश चीन के प्रभुत्व को खत्म करने के लिए हाल ही में <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/malabar-practice-worried-chinathreatens-australia-to-financial-loss-17308.html">सैन्य अभ्यास</a> कर चुके हैं।.