नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली गुरुवार से भारत दौरे पर हैं। वह 16 जनवरी तक यहां रहेंगे। शुक्रवार को नेपाल-भारत संयुक्त आयोग की छठी बैठक होगी जिसकी सह अध्यक्षता विदेश मंत्री जयशंकर करेंगे। ज्ञवाली के साथ नेपाल के स्वास्थ्य सचिव भी आए हुए हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि नेपाल ने भारत में निर्मित कोरोना वायरस की वैक्सीन कोविशील्ड को उपयोग की मंजूरी दे दी है। इसे ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने विकसित किया है और भारतीय सीरम संस्थान ने इसका निर्माण किया है। बता दें कि नेपाल के पास चीन की ओर से भी वैक्सीन का प्रस्ताव था जिसे नेपाल ने नकार दिया है।
<strong>हाल के दिनों भारत के साथ संबंधों में आए तनाव और चीन से नजदीकी के बावजूद <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/india-announces-12-million-corona-vaccines-for-nepal-23281.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">नेपाल</a> ने चीन की वैक्सीन को अनुमति न देकर भारत की वैक्सीन पर भरोसा जताया है। दोनों अच्छे पड़ोसी देशों के संबंधों और भविष्य के लिए यह बेहतर संकेत है।</strong> <strong>मिली जानकारी के अनुसार, नेपाल की ओर से वैक्सीन की 1.20 करोड़ खुराकों की मांग की गई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने नेपाली समकक्ष केपी शर्मा ओली के साथ हुई फोन वार्ता में उन्हें आश्वस्त किया था कि भारत में वैक्सीन तैयार होने के साथ नेपाल के नागरिकों को प्राथमिकता से वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी। </strong>
Nepal approves use of AstraZeneca Covishield vaccine manufactured in India, reports Reuters quoting Nepal Government
— ANI (@ANI) January 15, 2021
<h3>भारत दौरे पर हैं नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली</h3>
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे थे। ज्ञवाली के साथ नेपाल के स्वास्थ्य सचिव भी आए हुए हैं। माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड की खरीद को लेकर समझौते पर दस्तखत हो सकते हैं।
<h3>अमेरिकी सांसद ने की भारत की तारीफ</h3>
भारत ने अपने पड़ोसी देशों और अपने सहयोगी देशों को कोविड-19 की वैक्सीन की आपूर्ति करने की योजना तैयार की है। हाल ही में अमेरिका के वरिष्ठ सांसद ब्रैड शरमन ने भी इसे लेकर भारत की सराहना की थी। शरमन ने कहा, 'भारत दुनिया में सबसे बड़े टीका निर्माता देशों में से एक है। ऐस वक्त में जब समूचे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसकी सख्त जरूरत है तब भारत ने इस महामारी से निपटने में दुनिया की मदद के लिए कदम बढ़ाया है।.