कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देशभर में काफी तबाही मचाई। इस लहर में एक दिन में चार लाख से भी ज्यादे मामले आए और चार हजार से भी ज्यादा लोगों की एक दिन में सर्वाधिक मौतें हुईं हैं। हालांकि, फिलहाल थोड़ी राहत मिली है क्योंकि अब मामलों में गिरावट दर्ज की जाने लगी है। लेकिन इस बीच नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा है कि स्थिति अभी सुधरी नहीं है क्योंकि वायरस ने अब अफना रूप बदल लिया है। अगर हम दोबारा वो ही सब करने लगे जो हमने दिसंबर और जनवरी में किया था तो स्थिति दोबारा बिगड़ सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 7 मई से रोजाना आ रहे मामलों में 68 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। देश के 377 जिलों में 5 फीसदी से कम पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं। जबकि 257 जिलों में 100 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। डॉ पॉल ने कहा, ये अपने आप नहीं हो रहा है। इसके लिए हमने कीमत दी है और वो है कि रास्तों पर भीड़ नहीं है। लेकिन हमें ये ध्यान रखना होगा कि जब मामले कम हो रहे हैं तब हम अगर वहीं सब फिर से करने लगेंजो जनवरी में कर रहे थे तो वायरस फिर से आ जाएगा।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, अगर हम दोबारा जनवरी, फरवरी की स्थिति में चले जाते हैं तो कोरोना की अगली लहर जल्दी आएगी और इसका पीक भी जल्दी आएगा। लेकिन अगर हम सभी नियमों का कड़ाई से पालन करते तो अगली लहर छोटी होगी या हो सकता है कि आए ही ना। एक्सपर्ट्स के अनुसार,जिस तरह से दूसरी लहर का प्रभाव देश में रहा है उस हिसाब से भारत में महामारी की तीसरी लहर बहुत हद तक संभव है।
लेकिन इसके समय और प्रभाव का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि यह प्रतिबंध हटाने और वैक्सीन कवरेज के विस्तार पर निर्भर करेगा। यह भी भविष्यवाणी की गई है कि तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित कर सकती है, जिसके लिए राज्य सरकारें बच्चों के लिए सुविधाओं को बढ़ा रही हैं।