दिल्ली के जीटीबी अस्पताल से 25 मार्च को पुलिस हिरासत से फरार हुआ इनामी बदमाश कुलदीप उर्फ फज्जाशनिवार को मारा गया। पुलिस को इत्तला मिली थी कि फज्जा रोहिणी के सेक्टर 14 में स्थित एक फ्लैट में छुपा हुआ है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने उस फ्लैट में दबिश डाली तो गोलीबारी शुरु हो गई। इस मुठभेड़ में फज्जा घायल हो गया और पकड़ा गया। मुठभेड़ में घायल हुए फज्जा को अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मुठभेड़ के समय फज्जा के दो दोस्तों को भी गिरफ्तार कर लिया है।
बीते गुरुवार दोपहर करीब 12.30 बजे के आसपास दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में मंडोली जेल से कुख्यात बदमाश कुलदीप को थर्ड बटालियन मेडिकल जांच के लिए लेकर आई थी। इसी दौरान अस्पताल में कुलदीप के 5 साथी स्कॉर्पियो कार और बाइक पर सवार बदमाशों ने कुलदीप को पुलिस टीम पर मिर्ची पाउडर फेंका और फिर फायरिंग कर छुड़ा ले गये थे।
मुठभेड़ के बाद पकड़े गए बदमाश की पहचान अंकेश के रूप हुई। अंकेश ने पुलिस के सामने कई बड़े खुलासे किए हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो अंकेश ने बताया कि कुलदीप को भगाने की साजिश बैंकॉक में बैठे एक गैंगस्टर की तरफ से रची गई थी। गैंगस्टर का नाम काला राणा है, जिसने कुलदीप से फोन पर बात करवाई थी, जिसमें कुलदीप ने उसे अपनी बीमारी के बारे में जानकारी दी थी और ये भी बताया कि वो कब जीटीबी अस्पताल लाया जाएगा और कुलदीप की दी गई जानकारी पर ही उसे भागने के प्लानिंग तैयार की गई थी।
काला राणा भी बिश्नोई गैंग का सक्रिय सदस्य था और साल 2019 में मौका देखकर बैंकॉक निकल गया और वहीं से अपने गुर्गों को आदेश जारी करने लगा। कुछ समय पहले अंकेश को राणा ने कॉल किया था और उसी कॉल में कुलदीप को भी जोड़ लिया था, जिसके बाद से कुलदीप को जेल से बाहर निकलने की साजिश रचनी शुरू हो गई थी।
आजकल कुलदीप गोगी गैंग का एक्टिव सदस्य था और इसपर हत्या समेत कई मामले दर्ज थे। वह दिल्ली और हरियाणा में वॉन्टेड था, जिस पर हत्या और अन्य मामलों में 70 से ज्यादा केस दर्ज थे। दिल्ली पुलिस ने इस गैंगस्टर पर 2 लाख रुपये का इनाम रखा था। पुलिस ने फज्जा को साल 2020 में गिरफ्तार किया था और उसके फरार होने के बाद सभी टीमों को अलर्ट कर दिया गया था।