खबर आई है कि आरबीआई आठ नवंबर 2016 को बंद किए गए 1000 और पांच सौ के करैंसी नोट को फिर से बदलने का मौका दे रही है। खबर यह भी थी कि यह मौक केवल विदेशी सैलानियों के है। खबर मार्केट में इतनी मजबूती और तेजी से फैली कि आरबीआई नहीं बल्कि सरकार को आगे आने पड़ा। सरकार के अधिकृत समाचार पोर्टल पीआईबी से बाकायदा एक प्रेस नोट जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि आरबीआई की ओर से ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया है। मतलब यह कि 1000 और 500 रुपये के पुराने नोट बदलने जाने की सूचना अफवाह थी।
A #FAKE order issued in the name of @RBI claims that the exchange facility for Indian demonetized currency notes for foreign citizens has been further extended. #PIBFactCheck
The exchange facility for Indian demonetized currency notes for foreign citizens ended in 2017. pic.twitter.com/kSCCIJCDNR
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 6, 2021
सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा है। RBI के तथाकथित लेटरहेड पर प्रकाशित सूचना के मुताबिक वर्ष 2016 में हुई नोटबंदीके दौरान बंद हुई करेंसी नोटों को बदलवाने के लिए सरकार की ओर से एक और मौका दिया जा रहा है। इसमें कहा जा रहा है कि नोटबंदी में बंद हुए पुराने नोटों को बदलवाने की समयसीमा बढ़ा दी गई है।
यह सुविधा विदेशी पर्यटकों के लिए है। बता दें कि नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी में पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे। बाद में 500 के नए नोट जारी किए गए, जबकि 1000 रुपये के नोट को बंद ही कर दिया गया।
वर्ष 2016 में 8 नवंबर की रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को संबोधित करते हुए नोटबंदी की घोषणाकी थी। नोटबंदीकी घोषणा करते हुए उन्होंने 500 और 1000 के पुराने नोट बंद किए जाने की बात कही थी। इसके बाद लोगों को एक लंबे समय तक नोट बदलवाने का मौका दिया गया था। लेकिन यह समयसीमा खत्म हुए सालों हो गए हैं।
RBI की वेबसाइट खंगालने पर नोट बदलवाने की समयसीमा बढ़ाए जाने के बारे में कोई नोटिफिकेशन, गाइडलाइन या आदेश-निर्देश नहीं मिले। जिस तरह का लेटर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा, वैसा कोई लेटर वेबसाइट पर मौजूद नहीं है। ऐसे में जाहिर है कि इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है।