देश में कोरोना से हाहाकार मच गया है। हर तरफ कोरोना का तांडव है। संक्रमितों की बढ़ती संख्या से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। कोरोना से अस्पताल में बेड, ऑक्सिजन की डिमांड बढ़ रही है। देश भर के कई हिस्सों से अस्पतालों में ऑक्सिजन की किल्लत की खबरें सामने आ रही हैं। अब लोग खुद ही संक्रमित मरीजों के लिए प्राइवेट सिलेंडर खरीदकर ले जा रहे हैं। मुंबई में ऑक्सिजन की कई गुना मांग बढ़ जाने के कारण जंबो ऑक्सिजन सिलेंडर और उसकी रिफिलिंग के दाम आसमान छू रहे हैं। यहां सिलेंडर के दाम तीन गुना तक बढ़ गए हैं।
हालात ऐसे हैं कि ऑक्सीजन का जुगाड़ खुद से करना पड़ रहा है। ऑक्सीजन किसी तरह मिल गई तो इंजेक्शन और दवाइयां नहीं मिल रहीं। कोई भी बड़ा शहर हो, इस समय दो चीज़ों की बहुत कमी है। एक तो रेमडेसिवीर इंजेक्शन और दूसरा ऑक्सीजन। इस वक्त ऑक्सीजन का संकट ऐसा है कि अस्पताल मरीजों को एडमिट नहीं कर रहे हैं क्योंकि सप्लाई नहीं है। नई लहर में ऑक्सीजन की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि कोई इसको पूरा नहीं कर पा रहा है, मरीज ऑक्सीजन के बिना तड़प रहे हैं और जान जा रही हैं।
मुंबई में ऑक्सिजन की किल्लत
अस्पतालों का कहना है कि सप्लाइ कम होने के साथ ही कई वेंडरों ने ऑक्सिजन के ट्रांसपोर्टेशन और मजदूरी के लिए प्रीमियम चार्ज वसूलना शुरू कर दिया है। गोरेगांव अस्पताल के मालिक ने बताया कि एक सिंगल जंबो ऑक्सिजन सिलेंडर के रिफिलिंग के दाम बढ़कर तिगुने लगभग 900 रुपये हो गए हैं। उन्होंने बताया, 'कोरोना दौर से पहले यह 250 रुपये का मिलता था, जो पहले पीक पर 600 रुपये का हो गया और अब 900 रुपये लिए जा रहे हैं।' अस्पताल के हेड का कहना है, 'वेंडर ने मुझे बताया कि उसे ऑक्सिजन सिलेंडर के लिए काफी पैसा देना पड़ रहा है इसलि वह हमसे भी अधिक रुपये वसूल रहा है।' डॉक्टर का कहना है कि लिक्विड ऑक्सिजन सप्लाइ के दामों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है। खारगड़ के निरामय अस्पताल के डॉ। अमित ठतानी ने बताया कि जिन अस्पतालों के पास लिक्विड सिलेंडर नहीं है उन्हें जंबो सिलेंडर पर ही निर्भर होना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ऑक्सिजन की कमी हो रही है। दो दिन पहले प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ऑक्सिजन की कमी हो गई थी। कोरोना मरीजों को ऑक्सिजन नहीं मिल रही है। अफरातफरी में लखनऊ से आदेश आया कि गाजियाबाद ऑक्सिजन की आपूर्ति करे। इसके बाद यहां से 20-20 टन के दो टैंकर लखनऊ भेजे गए हैं। फिलहाल लखनऊ में ऑक्सिजन की जरूरत गाजियाबाद से पूरी की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के अलावा दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान तक यहां से ऑक्सिजन की सप्लाइ की जा रही है।
ऑक्सिजन कारोबारियों के अनुसार घरों में ऑक्सिजन के सहारे रहने वाले मरीजों के लिए ऑक्सिजन कंसरडेटर भी काफी सहायक होता है। हेल्थ केयर सर्विस से जुड़े लोग इसे जहां प्रतिमाह किराये पर उपलब्ध करा रहे हैं, वहीं काफी लोग इसे खरीदकर घर में रख रहे हैं। डिमांड बढ़ने पर कुछ लोग इसे फिलहाल 6 से 8 हजार रुपये प्रतिमाह किराये पर उपलब्ध करा रहे हैं।
किराये पर ऑक्सिजन कंसरडेटर नहीं मिलने पर लोग अब इसे खरीद भी रहे हैं। कंसरडेटर व वेंटीलेटर बनाने वाली डॉ मान लाइफ साइसेंस के डायरेक्टर नेहुल गुलिया ने बताया कि रॉ मटीरियल नहीं मिलने के कारण ऑक्सिजन कंसरडेटर का उत्पादन कम हो गया है।