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कोरोना संकट के बीच सरकार का बड़ा फैसला, 100 नए अस्पतालों में PM Cares Fund से लगाए जाएंगे ऑक्सीजन प्लांट

PM-Cares Fund to set up medical oxygen plants at 100 hospitals

कोरोना वायरस के बढ़ते मामले के बीच देशभर में ऑक्सीजन से लेकर अस्पतालों में बेड की कमी को लेकर हाहाकार मचा है। इस बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और ऑक्सीजन की कमी को पूरी करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया। सरकार ने कहा है कि पीएम केयर्स फंड के तहत 100 नए अस्पतालों में उनका खुद का ऑक्सीजन प्लांट होगा।

सरकार ने कहा है कि पीएम केयर फंड के तहत 100 नए अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे और 50 हजार मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का आयात भी किया जाएगा। खबरों की माने तो केंद्र सरकार ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते 50,000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी, जबकि इसके संसाधनों और उत्पादन क्षमता का अत्यधिक मामलों वाले 12 राज्यों की जरूरतों को पूरा करने के लिए चिह्नीकरण किया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इसके लिए निविदा प्रक्रिया को पूरा करने और विदेश मंत्रालय के मिशनों द्वारा चिह्नित आयात के लिए संभावित संसाधन तलाशने का भी निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह इस संबंध में आदेश जारी कर रहा है और इसे गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। जरूरत वाले इन 12 राज्यों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान शामिल हैं।

केंद्र ने राज्यों से मेडिकल ऑक्सीजन का तर्कसंगत उपयोग करने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि इसकी बर्बादी न हो। केंद्र सरकार ने कहा कि देश में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। कोविड-19 रोगियों के इलाज में मेडिकल ऑक्सीजन महत्वपूर्ण घटक है। महामारी से प्रभावित राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन समेत जरूरी चिकित्सा उपकरण मुहैया कराने के लिए मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान अधिकारियों के अंतर मंत्रालयी शक्तिसंपन्न समूह का गठन किया गया था।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि, पहले से स्टॉक मौजूद है। फिलहाल ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में मौजूद है। जरूरत के हिसाब से राज्यों को ऑक्सीजन की सुगम आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रण कक्ष बनाने और सिलेंडरों व टैंकरों की आवश्यकता की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया गया है।