कुछ दिन पहले पाक आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने भारत के साथ संबंध सामान्य बनाने और सीमा पर शांति बनाए रखने के नए समझौते पर दस्तखत किए थे, वही बाजवा अब अपने कमाण्डरों को जंग की तैयारियों का हुक्म दे रहे हैं। पाकिस्तानी जनरल की इस बदली हुई चाल को देखते हुए भारत सरकार और इंडियन आर्मी ने भी माकूल तैयारी कर ली है।
जनरल बाजवा ने दो दिवसीय 78वें फॉर्मेशन कमांडर्स सम्मलेन की अध्यक्षता की। उन्हें अफगान शांति प्रक्रिया (Afghan Peace Process) के लिए पाकिस्तान के सार्थक समर्थन और सीमा सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे कड़े कदमों के बारे में बताया गया। सेना ने कहा कि प्रतिभागियों को मौजूदा भू-रणनीतिक वातावरण, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौतियों और उभरते खतरों के जवाब में अपनी रणनीति के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कई पेशेवर मामलों पर विस्तृत चर्चा भी की।
जनरल बाजवा ने LOCऔर पाक-अफगान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ऑपरेशनल संबंधी तैयारियों के उच्च मानकों को बनाए रखने पर विशेष जोर दिया। बैठक में अफगान शांति प्रक्रिया को पाकिस्तान द्वारा दिए जा रहे समर्थन और सीमा सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में भी जानकारी दी गई।
बाजवा ने कोरोना महामारी, टिड्डयों और पोलियो से निपटने के लिए अपनाई गई राष्ट्रीय प्रतिक्रिया के लिए सभी संरचनाओं द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की। उन्होंने कहा, पाकिस्तानी सेना हर संभव तरीके से देश की रक्षा और सेवा करना जारी रखेगी। इस बैठक में कोर कमांडरों, प्रधान स्टाफ अधिकारियों और पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) के सभी फॉर्मेशन के कमांडरों ने भाग लिया।
इससे पहले, बाजवा ने शनिवार को नियंत्रण रेखा (LOC) के फ्रंटियर पोजिशन का दौरा किया। बाजवा ने सियालकोट और कोटली का दौरा किया, जहां उन्होंने कोर स्तर के युद्धाभ्यास के समापन सत्र में हिस्सा लिया। इस दौरान बाजवा को पाकिस्तानी अधिकारियों ने अभ्यास के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी दी।