एक कहावत है कि दुश्मन का दोस्त, दोस्त होता है और इस वक्त चीन और पाकिस्तान का एक ही दुश्मन है, वो है 'भारत'… इसलिए दोनों भारत के खिलाफ मिलकर साजिश रच रहे है। दोनों मिलकर एक खतरनाक खेल रहे है, जिसके तहत पाकिस्तान ने भारत की सीमा पर घुसपैठ करन वालों को ऐसी वर्दी दी है, जो लांग रेंज ऑब्जर्वेशन सिस्टम और ड्रोन की निगाह से उन्हें बचा सकती है। चीन और पाकिस्तान की इस चाल की खबर लगते ही भारत ने सीमा पर अपनी रणनीति बदल दी है। बदली रणनीति के तहत सीमा पर आधुनिक बॉर्डर ग्रिड लगाई जा रही है।
ये बॉर्डर ग्रिड इन घुसपैठियों की पहचान कर उनकी स्थिति पता लगाने में सीमा पर तैनात जवानों की मदद करेगा। डिटेक्शन उपकरणों को अपग्रेड कर ग्रिड का हिस्सा बनाया गया है। साथ ही कई चरणों में जवानों की तैनाती में भी इजाफा किया गया है। सुसूत्रों के मुताबिक बॉर्डर ग्रिड को लगातार मजबूत किया जा रहा है। इसकी वजह से घुसपैठियों को भारतीय सीमा में प्रवेश करने पर एक किमी से लेकर तीन किलोमीटर के अंदर ही मार गिराया जाता है। भारतीय सुरक्षा बलों की बदली रणनीति के तहत सीमा पर तकनीकी उपकरण और जवानों की तैनाती को एक साथ मिलाकर विभिन्न एजेंसियों के साथ बॉर्डर ग्रिड को घुसपैठ रोकने में कारगर पाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक नई चुनौतियों के अनुरूप सुरक्षा एजेंसियां भी नए प्रयोग कर रही हैं। इसके तहत सबसे पहले तो सीमा पर तैनात बीएसएफ और सीआरपीएफ समेत स्थानीय पुलिस के साथ आईबी और अन्य खुफिया तंत्र से जुड़ी एजेंसियों का समन्वय कर बहुस्तरीय सूचना तंत्र बनाया गया। इससे सही समय पर सटीक सूचना हासिल करने में मदद मिल रही है। इसके अलावा सीमा पर मोनोकुलर डिवाइस विपरीत दिशा में सीमा पार तीन किलोमीटर तक की गतिविधियों को पकड़ लेती हैं। साथ ही लोरोस, थर्मल इमेज, सैटेलाइट इमेज और ड्रोन से भी आतंकी गतिविधि को पकड़ लिया जाता है। सूचना के आधार पर आतंकियों के खिलाफ पूरी बॉर्डर एक्शन टीम प्रतिक्रिया देती है।