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परमबीर सिंह लेटर बम: ‘मोहन डेलकर सुसाइड केस में BJP नेताओं को जेल भिजवाना चाहते थे अनिल देशमुख’

बीजेपी नेताओं को जेल भिजवाना चाहते थे अनिल देशमुख?

अनिल वझे पर सौ करोड़ महीना वसूली कराने के आरोप के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने एक और बड़ा बम फोड़ दिया है। परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में खुलासा किया है कि अनिल देशमुख दादर नागर हवेली से बीजेपी सांसद मोहन डेलकर आत्महत्या काण्ड में बीजेपी के नेताओं को ही फंसाना चाहते थे।

ध्यान रहे, परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

मुंबई के पूर्व पुलिस कम‍िश्‍नर परमबीर सिंह 1988बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने मुंबई के पुलिस कम‍िश्‍नर पद से उनके तबादले को 'मनमाना' और 'गैरकानूनी' होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है। सिंह ने एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र और सीबीआई को देशमुख के घर की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है।

हर महीने 100करोड़ की वसूली करने का टारगेट

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि अनिल देशमुख ने अपने घर पर फरवरी 2021में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई, मुंबई के सचिन वाजे और समाज सेवा शाखा, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें हर महीने 100करोड़ रुपये की वसूली करने का टारगेट दिया था। इसके साथ ही अलग-अलग प्रतिष्ठानों और अन्य सोर्स से भी उगाही करने का निर्देश दिया था।

 

 

 

परमबीर ने कहा कि इस बारे में विश्वसनीय जानकारी है कि टेलीफोन बातचीत को सुनने के आधार पर ट्रांसफर और पोस्टिंग में देशमुख के कदाचार को 24-25अगस्त 2020को राज्य खुफिया विभाग की खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला ने पुलिस महानिदेशक के संज्ञान में लाया था, जिन्होंने इससे अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, महाराष्ट्र सरकार को अवगत कराया था।

मुंबई के पूर्व कमिश्नर ने कहा कि देशमुख अलग-अलग जांचों में हस्तक्षेप कर रहे थे और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे कि वे स्पेशल तरीके से उनके बताए दिशा-निर्देशों पर अमल करें। इस तरह की एक घटना का हवाला देते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि देशमुख दादरा और नागर हवेली के सांसद मोहन डेलकर के आत्महत्या मामले में बीजेपी नेताओं को फंसाना चाहते थे।

सांसद मोहन डेलकर 22फरवरी को अपने मुंबई के होटल के कमरे में मृत पाए गए थे और अपने पीछे 15पन्नों का सुइसाइड नोट छोड़ा था। सिंह ने कहा कि शुरुआती पूछताछ और रिपोर्ट के बाद, उन्होंने मामले की जांच शुरू की और पुलिस विभाग के लीगल सेल से सलाह मांगी।

याचिका में आरोप लगाया गया है कि गृह मंत्री, महाराष्ट्र सरकार की ओर से बीजेपी के कुछ नेताओं की भूमिका की जांच करने और किसी तरह उन्हें फंसाने के लिए दबाव डा रहे थे। याचिकाकर्ता ने हालांकि उनके दबाव के आगे नहीं झुके।