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लेटर बम से महाराष्ट्र की सियासत में उफान: अनिल देशमुख की CBI जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर परमबीर सिंह

लेटर बमः अनिल देशमुख की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे परमबीर (GFX Courtesy Google)

महाराष्ट्र में सियासत गर्म है। एक ओर एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपने मंत्री के बचाव में जुटे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। परमबीर सिंह का कहना है कि चिट्ठी में उन्होंने जो आरोप लगाए हैं, उनकी जांच होनी चाहिए। अपनी याचिका में परमबीर सिंह ने कहा है कि उन्होंने जो दावे किए हैं, उनकी सीबीआई द्वारा जांच की जानी चाहिए।

इसके अलावा अफसर रश्मि शुक्ला ने जो ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर जो रिपोर्ट सबमिट की थी, उसकी भी जांच की जानी चाहिए। इतना ही नहीं, परमबीर सिंह ने अपील की है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर के सीसीटीवी की जांच होने चाहिए, ताकि सभी तथ्य हर किसी के सामने आ जाएं।

इसके पहले सियासी हलचल के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। शरद पवार ने कहा कि फरवरी में सचिन वाजे और गृह मंत्री अनिल देशमुख के बीच बातचीत का दावा गलत है। फरवरी में कोरोना वायरस की वजह से देशमुख अस्पताल में भर्ती थे। पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को हटाए जाने और देशमुख पर उनके आरोपों के बाद से ही बीजेपी देशमुख का इस्तीफा मांग रही है।

गौरतलब है कि पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पत्र लिखकर गृहमंत्री पर आरोप लगाया था कि 100 करोड़ वसूलने के लिए उन्हें टारगेट दिया गया था। इस मामले को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। महाराष्‍ट्र के गृह मंत्री  के देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का मुद्दा आज लोकसभा और राज्यसभा में उठाया गया। संसद में बीजेपी के मनोज कोटक ने 100 करोड़ का मुद्दा उठाया। वहीं, पार्टी के सांसद राकेश सिंह ने सदन में कहा कि 'महाराष्ट्र में बेमेल गठबंधन की सरकार है। क्या वजह है अब गृह मंत्री को बचाया जा रहा है। इसकी निष्पक्ष जांच केंद्रीय एजेंसी से करानी चाहिए।' उन्होंने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग भी की।

परमबीर सिंह की चिट्ठी से जो बवाल हुआ, उसकी गूंज मुंबई से दिल्ली तक सुनाई दी है। अनिल देशमुख ने पहले इन दावों को गलत बताया और परमबीर सिंह पर मानहानि का  दावा करने की बात कही। इसके बाद जब बीजेपी ने अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की तो खुद एनसीपी प्रमुख शरद पवार उनके बचाव में आए।