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Parambir Singh vs Anil Deshmukh writ Supreme Court: बंगाल से पहले महाराष्ट्र में खेला, सुप्रीम कोर्ट पर लगीं सबकी निगाहें

सुप्रीम कोर्ट में परमबीर vs महाराष्ट्र सरकार

सुप्रीम कोर्ट में परमबीर सिंह की याचिका पर सुनवाई से पहले मुंबई पुलिस में ऑपरेशन क्लीन चलाया गया। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर वसूली का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट से मांग की है। सुप्रीम कोर्ट के रुख से महाराष्ट्र की सियासत का अध्याय शुरू हो सकता है। देर रात महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात की थी। शरद पवार की बैठक में गलत जानकारी दिए जाने और देवेंद्र फड़णबीस का तबादला रैकेट का नया भाण्डाफोड़ किए जाने महाऱाष्ट्र में नया मोड़ आ गया है।

महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस में बड़ा फेरबदल करते हुए 86 अफसरों और कर्मचारियों का ट्रांसफर किया है। इनमें 65 अधिकारी मुंबई क्राइम ब्रांच के हैं, जिसमें विवादित अफसर सचिन वाझे की तैनाती थी। सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद से यह माना जा रहा है कि सरकार ने उसके करीबी अफसरों को क्राइम ब्रांच से हटाया है। सरकार ने जिन अधिकारियों का ट्रांसफर किया है,  उनमें पीआई, एपीआई और पीएसआई लेवल के अफसर शामिल हैं। ट्रांसफर के आदेश मुंबई के जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस की ओर से जारी किए गए हैं।

ऐसा बताया जाता है कि जिन लोगों का क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर हुआ है, वे सचिन वाझे के करीबी माने जाते हैं। यही नहीं इन लोगों पर सीनियर अफसरों को बाईपास कर सचिन वाझे से संपर्क करने के आरोप थे। सचिन वाझे के करीबी माने जाने वाले एपीआई रियाजुद्दीन काजी को लोकल आर्म्स यूनिट में भेज दिया गया है। मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार के मामले में भी एनआईए ने रियाजुद्दीन काजी से पूछताछ की थी। ऐसे में उनके समेत तमाम अफसरों का क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर किया जाना इस बात का संदेश है कि मुंबई पुलिस में सरकार ने बड़ा सफाई अभियान चलाने का फैसला लिया है।

अनिल देशमुख के खिलाफ निष्पक्ष और स्वतंत्र CBI जांच की मांग करने वाली परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ करेगी।

परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से उनके तबादले को ‘मनमाना’ और ‘गैरकानूनी’ होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने का भी अनुरोध किया है। परमबीर सिंह ने एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र तथा सीबीआई को देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है।