अपने खुले विचारों वाले वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों के हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद मुस्लीम संगठनों में बहिष्कार होने लगा। उनके बढ़ते इस कदम में अब बड़े-बड़े मौलानाओं में खलबली मच गई है। हालत ये है कि उनकी कुर्सी हिलने लगी है, तभी तो अब वे वसीम रिजवी को सोशल बायकॉट की धमकी दे रहे हैं।
देश-विदेश के उलमा और छात्र संगठनों ने शिया वक्फ बोर्ड चुनाव में वसीम रिजवी का समर्थन करने वाले 21 मुतवल्लियों का बहिष्कार करने की घोषणा की है। मजलिस उलमा-ए-हिंद के अनुसार कश्मीर के उलमा ने कुरान की आयतों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले रिजवी व 21 मुतवल्लियों को इस्लाम का दुश्मन करार दिया है।
वहीं, आंध्र प्रदेश शिया उलमा बोर्ड, फैजाबाद, बाराबंकी, तंजीमुल मकातिब, अहलेबैत काउंसिल आफ इंडिया दिल्ली, दिल्ली, सांगली, इलाहाबाद, अमरोहा, जौनपुर, बनारस, मेरठ, सहारनपुर, आजमगढ़ सहित अन्य राज्यों के उलमा और ईरान में भारतीय छात्रों व उलमा के 20 से अधिक संगठनों ने वसीम रिजवी और उनके साथियों को मुर्तद करार देते हुए सामाजिक बहिष्कार की घोषणा की है। जल्द ही रिजवी व उनके समर्थकों का बहिष्कार करने वाले उलमा व संगठनों की पूरी सूची जारी की जाएगी।
वसीम रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को हटाने की पहल के बाद उन्हें समर्थन भी मिला तो धमकी भी। उनके इस कदम पर साधु-संतो का खुब साथ मिला। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरि महाराज ने वसीम रिजवी की पहल को सराहा है और केंद्र, प्रदेश की सरकारों से उनको सुरक्षा मुहैया कराने का आग्रह किया है। हाल में ही मुस्लिम कट्टरपंथियों ने वसीम का सिर कलम करने की धमकी दी थी।