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मंगल पर उतरा ‘रोवर Perseverance’, NASA खोलेगा लाल ग्रह के राज

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अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा मंगल ग्रह पर अपना रोवर उतार दिया है। 18 फरवरी की रात करीब 2 बजकर 30 मिनट पर नासा रोवर पर्सिवरेंस मंगल ग्रह की सतह पर उतरा। इसी के साथ अमेरिका मंगल ग्रह पर सबसे ज्यादा रोवर भेजने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।  रोवर के लाल ग्रह की सतह पर पहुंचने के तुरंत बाद नासा ने वह पहली तस्वीर भी जारी कर दी, जिसे मंगल ग्रह के रहस्यों के उद्घाटन की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि कहा जा रहा है।

अमेरिका का रोवर पर्सिवरेंस मंगल ग्रह के जिस जगह पर उतरा है उसे जेजेरो कहा जाता है। यह मंगल के सबसे दुर्गम इलाकों में एक है। जेजेरो क्रेटर में गहरी घाटियां, तीखे पहाड़, नुकीले क्लिफ, रेत के टीले और पत्थरों का समुद्र है। ऐसे में पर्सिवरेंस मार्स रोवर की लैंडिंग की सफलता पर पूरे समय दुनिया भर के साइंटिस्ट्स की निगाहें टिकी हुई थीं। नासा ने पहले ही कहा था कि ये अब तक की सबसे सटीक लैंडिंग होगी। लैंडिग  के बाद लैंडिंग नासा ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “यह अद्भुत है। कोरोना काल ने रोवर की मंगल ग्रह पर लैंडिंग के काम को और भी अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया था। परसिवरेंस ‘भविष्य के रोवर मिशन के लिए स्काउट’ के रूप में काम करेगा।”

 

NASA ने अपने ट्विटर हैंडल पर मंगल ग्रह पर पहुंचे रोवर की तस्वीर जारी की। इसके साथ उसने बेहद सुंदर-सा कैप्शन भी दिया, जिसमें Perseverance की ओर से लिखा गया है- 'हेलो दुनिया, मेरे अपने घर से मेरा पहला लुक।' स्पेस एजेंसी ने रोवर के दूसरी साइड से भी एक तस्वीर साझा की है। मंगल के जेजेरो क्रेटर पर उतरे इस रोवर की मदद से से मंगल ग्रह के तमाम रहस्यों से पर्दा उठाने की उम्मीद की जा रही है।

पर्सिवरेंस मार्स रोवर और इंजीन्यूटी हेलिकॉप्टर मंगल ग्रह पर कार्बन डाईऑक्साइड से ऑक्सीजन बनाने का काम करेंगे। मौसम का अध्ययन करेंगे। ताकि भविष्य में मंगल ग्रह पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को आसानी हो। रोवर में लगा मार्स एनवायरनमेंटल डायनेमिक्स एनालाइजर यह बताएगा कि मंगल ग्रह पर इंसानों के रहने लायक स्थिति है या नहीं। इसमें तापमान, धूल, वायुदाब, धूल और रेडिएशन आदि का अध्ययन किया जाएगा। 

मंगल मिशन में कई और देश जुटे हुए हैं। चीन ने अपने मंगल अभियान के तहत ‘तियानवेन-1’ पिछले साल 23 जुलाई को लाल ग्रह के लिए रवाना किया था। यह 10 फरवरी को मंगल की कक्षा में पहुंचा। इसके लैंडर के यूटोपिया प्लैंटिया क्षेत्र में मई 2021 में उतरने की संभावना है। यूएई का मंगल मिशन ‘होप’ भी इस महीने मंगल की कक्षा में प्रवेश कर गया। सोवियत संघ ने सबसे पहले मंगल के लिए एक अभियान भेजा था। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के डेटाबेस के मुताबिक मार्सनिक-1 को 10 अक्टूबर 1960 को रवाना किया गया था। इस सूची में भारत भी शामिल है भारत ने साल 2019 में मंगल ग्रह पर अपना रोवर उतरा था।