वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि पेट्रोल-डीजल (petrol and diesel) को जीएसटी (GST) के तहत लाने पर केंद्र सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है। देश में लगातार पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें लोगों को परेशान कर रही है। हालांकि मार्च में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर जरूर रही है लेकिन इनके भविष्य में बढ़ने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में कहा कि इनकम टैक्स रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यह बजट का थीम भी था। खुद पीएम मोदी चाहते थे कि सरकार रिसोर्स बढ़ाने के लिए टैक्स के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ेगी। फाइनेंस बिल पेश करने के दौरान विपक्षी नेताओं ने पेट्रोल और डीजल के आसमानी रेट का मुद्दा उठाया और इसे जीएसटी के दायरे में लाने की बात कही। इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि वह पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर चर्चा के लिए तैयार हैं।
सीतारमण ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर केंद्र और राज्य सरकार, दोनों टैक्स लगाती है। अगर पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स को लेकर चिंता है तो मैं यह कहना चाहूंगी कि सभी राज्य इस चर्चा को देख रहे होंगे। ऐसे में जीएसटी काउंसिल की जब अगली बैठक होगी तो मुझे इस बात की खुशी होगी की राज्यों की मदद से इस मुद्दे को एजेंडा में शामिल किया जाए और फिर इस पर गंभीर चर्चा हो।
पिछले हफ्ते, सीतारमण ने कहा था कि क्रूड ऑयल, पेट्रोल, डीजल, जेट फ्यूल और नैचूरल गैस को गुड्स एंड सर्विस टैक्स के दायरे में लाने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्री ने टैक्स आधार बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि सरकार ने प्रोविडेंट फंड में टैक्स-फ्री इनवेस्टमेंट की सीमा उन कर्मचारियों के लिए बढ़ाकर 5लाख रुपये कर दी है, जहां नियोक्ता अपना अंशदान नहीं देते हैं।