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95% मुस्लिमों को भारतीय होने पर है नाज, दूसरे धर्म में रखते हैं दोस्‍ती, जानें प्‍यू सर्वे की 10 बड़ी बातें

95% मुस्लिमों को भारतीय होने पर है नाज

भारत के लोग सहिष्णू हैं। अपनी विविधता के लिए मशहूर भारत को लेकर एक सर्वे हुआ है जिसमें कई खुलासे हुए हैं। दुनिया के सबसे ज्याीदा हिंदू, सिख और जैन भारत में रहते हैं। मुस्लिमों की अच्छीु-खासी आबादी के अलावा करोड़ों ईसाई और बौद्ध भारत में शांति से रहते हैं। धर्म को लेकर भारतीयों की सोच क्या  है? दूसरे धर्मों को वे किस तरह देखते हैं? ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब प्यूक रिसर्च सेंटर की ताजा रिपोर्ट में मिलते हैं। कोविड-19महामारी से पहले 30हजार भारतीयों पर हुए सर्वे में लगभग सभी राज्योंत के लोगों ने हिस्सा  लिया। आइए जानें रिपोर्ट की बड़ी बातें।

सर्वे में शामिल अधिकतर भारतीयों ने कहा कि उनकी जिंदगी में धर्म का बहुत महत्वग है। हर धर्म के लगभग तीन-चौथाई लोगों ने कहा कि वे अपने धर्म के बारे में काफी कुछ जानते हैं। काफी ऐसी बातें हैं जिन्हें  लेकर हर धर्म के लोग एकमत हैं। जैसे कर्म के सिद्धांत पर 77%हिंदू विश्वास करते हैं तो इतने ही मुस्लिम भी। एक-तिहाई ईसाई (32%) भी 81%हिंदुओं की तरह गंगा के पानी की शुद्धता में यकीन रखते हैं। लगभग हर धर्म के लोगों ने कहा कि बड़ों का सम्मान उनके धर्म में बहुत जरूरी है।

इसके बावजूद लोग यह नहीं मानते कि दूसरे धर्म के लोग उनके जैसे हैं। अधिकतर हिंदू (66%) खुद को मुस्लिमों से अलग देखते हैं और मुसलमानों का भी यही रवैया है। हालांकि आधे से ज्यादा जैन और सिख मानते हैं कि उनमें और हिंदुओं में काफी कुछ मिलता-जुलता है। भारत में अलग-अलग धर्मों के बीच शादियां बेहद कम होती हैं। प्यूं की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर भारतीयों ने कहा कि उनके धर्म के लोगों को दूसरे धर्म में शादी करने से रोकना बहुत जरूरी है। मुस्लिम महिलाओं को दूसरे धर्म में शादी करने से 80%मुसलमान रोकना चाहते हैं जबकि 67%हिंदू नहीं चाहते कि महिलाएं मुस्लिमों से शादी करें।

भारतीय आमतौर पर अपने धर्म के लोगों को ही दोस्त  बनाते हैं। सिख और जैन धर्म के लोगों का भी कहना है कि उनके दोस्तप धर्म के भीतर ही हैं। कुछ भारतीय तो यहां तक कहते हैं कि उनके पड़ोस में केवल उनके धर्म के लोग रहने चाहिए। 45%हिंदुओं ने कहा कि उन्हें  किसी और धर्म का पड़ोसी होने पर कोई दिक्कोत नहीं है। हालांकि 45%हिंदुओं ने कहा कि वे दूसरे धर्म के पड़ोसियों को बर्दाश्तर नहीं करेंगे।

भारत के दूसरे सबसे बड़े धर्म, इस्लादम को मानने वाले 95% लोग कहते हैं कि उन्हेंि भारतीय होने पर बेहद गर्व है। 85% इस बात को मानते हैं कि भारतीय संस्कृनति बाकी सबसे अच्छील है। 24% मुस्लिमों ने कहा कि उन्हेंं भारत में 'काफी भेदभाव' का सामना करना पड़ा। 21% हिंदू भी मानते हैं कि उन्हें  भारत में धार्मिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है।