कोरोना वायरस के रोजाना लाखों केस सामने आ रहे है। जिसके चलते प्लाज्मा की डिमांड काफी बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर हर दिन हजारों पोस्ट के जरिए लोग कोरोना वायरस से ठीक हो चुके लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील कर रहे है। इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने बड़ा फैसला लिया और कोरोना वायरस के इलाज में इस्तेमाल की जा रही प्लाज्मा थेरेपी को हटा दिया। इसको लेकर हाल ही में कोविड पर बनी नेशनल टास्कफोर्स की मीटिंग में चर्चा हुई थी। जिसमें कहा गया था कि प्लाज्मा थेरेपी से फायदा नहीं होता।
The good news is that the ICMR has dropped plasma therapy from its COVID treatment guidelines
The bad news is that it happened after LAKHS have been treated with plasma without any evidence that it works
— Dr. Simal Soin (@DrSimalSoin) May 18, 2021
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की गाइडलाइंस में कहा कि लक्षण दिखने के 7 दिनों के भीतर प्लाज्मा थेरेपी का ऑफ-लेबल इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि इस थेरेपी के इलाज पर किसी तरह का असर होने के सबूत नहीं मिले। जिसके बाद यह फैसला किया गया है कि ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से प्लाज्मा थेरेपी को बाहर कर दिया जाए। इसको लेकर कुछ वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स की ओर से सिफारिश की गई थी कि प्लाज्मा थेरेपी के 'तर्कहीन और अवैज्ञानिक इस्तेमाल' को बंद कर देना चाहिए। ये चिट्ठी ICMR प्रमुख बलराम भार्गव और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को भेजी गई थी।
Finally , plasma therapy has been dropped from latest official ICMR AIIMS guidelines. 👍👍.
Also, no oral steroids. Only I/v when hospitalised 👍👍
May Do's : ivermectin, HCQ 😳👎 (no evidence)Please do help spread this, so that practise gets updated saving a lot of sufferings. pic.twitter.com/mQTV79UBmk
— Aviral Vatsa , MBBS, DESS, PhD (@DocVatsa) May 17, 2021
इस चिट्ठी में कहा कि प्लाज्मा थेरेपी उपलब्ध सबूतों पर आधारित नहीं है। कुछ शुरुआती सबूत भी सामने रखे गए जिसके मुताबिक, बेहद कम इम्युनिटी वाले लोगों को प्लाज्मा थेरेपी देने पर न्यूट्रलाइजिंग ऐंटीबॉडीज कम बनती है और वेरिएंट्स सामने आ सकते है। प्लाज्मा थेरेपी के तर्कहीन इस्तेमाल से और संक्रामक स्ट्रेन्स डिवेलप होने की संभावना बढ़ जाती है। आपको बता दें कि ब्रिटेन में 11 हजार लोगों पर रिसर्च किया गया था। इस रिसर्च में पाया गया कि प्लाज्मा थेरेपी कोई चमत्कार नहीं करती। अर्जेंटीना के डॉक्टर्स भी प्लाज्मा थेरेपी को असरदार नहीं मानते।