भारत और बांग्लादेश के बीच मैत्री का एक और अध्याय लिखा जा चुका है। कुछ दिन पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मैत्री पुल का उद्घाटन किया था। अब प्रधानमंत्री 24 मार्च को ढाका जा रहे हैं। मोदी बांग्लादेश की आजादी के 50वें साल के समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। इससे पहले ही भारत सरकार ने बांग्लादेश की आजादी के नायक और बांग्लादेश के जनक बंग बंधु शेख मुजीबुर्रहमान को गांधी शांति पुरस्कार देने का ऐलान किया है।
भारत सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार प्रसिद्ध गांधी शांति पुरस्कार वर्ष 2020के लिए बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को दिया जाएगा। 1995में शुरू किए गए इस वार्षिक सम्मान को इस बार भारत सरकार ने बांग्लादेश के संस्थापक को देने का फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी ढाका जा रहे हैं। यह सम्मान किसी भी देश के नागरिक को जाति, धर्म, भाषा, लिंग के आधार पर भेदभाव किए बिना दिया जाता है। पुरस्कार के रूप में 1करोड़ रुपए और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
गांधी शांति पुरस्कार के लिए जूरी की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी। पीएम के अलावा इस कमिटी में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और लोकसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता होते हैं। इनके अलावा लोकसभा के स्पीकर और सुलभ इंटरनेशनल के फाउंटर बिंदेश्वर पाठक भी सदस्य हैं।
यह घोषणा ऐसे समय पर की गई है जब पीएम नरेंद्र मोदी 26मार्च को बांग्लादेश की यात्रा पर जा रहे हैं। कोरोनाकाल के बाद पहली बार पीएम मोदी विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। पीएम मोदी पड़ोसी देश को साल 1971में मिली आजादी के 50वर्ष पूरे होने के सिलसिले में रखे गए कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।
26 मार्च, 1971 को शेख मुजीबुर रहमान द्वारा पूर्वी पाकिस्तान को स्वतंत्र देश घोषित करने के 50 साल पूरे होने के अवसर में होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पीएम मोदी होंगे। यह कार्यक्रम बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार आयोजित कर रही है। भारत ने बांग्लादेश का साथ देते हुए पाकिस्तानी बलों को पराजित कर दिया था, जिसके बाद 16 दिसंबर, 1971 को बलों ने सरेंडर कर दिया।