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जम्मू-कश्मीर को पीएम मोदी ने दिया आयुष्मान भारत का तोहफा, हर परिवार को 5 लाख का कवर

जम्मू-कश्मीर को पीएम मोदी ने दिया आयुष्मान भारत का तोहफा, हर परिवार को 5 लाख का कवर

जम्मू-कश्मीर में  आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद नए जम्मू कश्मीर में विकास का नया अध्याय लिखा जा रहा है। हर क्षेत्र में विकास की नई योजनाओं के साथ सबसे ज़रूरी समझे जाने वाले स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बड़ा निवेश हो रहा है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। पीएम मोदी ने जम्मू कश्मीर में <strong>पीएम जय सेहत योजना</strong> की शुरुआत की, जिससे जम्मू कश्मीर के हर परिवार को बीमा कवर मिल जाएगा। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के लगभग एक करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा।

पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सभी निवासियों के लिए 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच <strong>आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना</strong> का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि आज मुझे जम्मू कश्मीर के दो लाभार्थियों से आयुष्मान भारत योजना के बारे में अनुभव जानने का मौका मिला। जिनके लिए हम कार्य करते हैं, उनसे जब संतोष के शब्द मिलते हैं, वो शब्द मेरे लिए आशीर्वाद बन जाते हैं।
<h3>जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों का मुफ्त इलाज</h3>
पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत ऐतिहासिक है। आज जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ मिलने जा रहा है। सेहत स्कीम- अपने आप में ये एक बहुत बड़ा कदम है और जम्मू-कश्मीर को अपने लोगों के विकास के लिए ये कदम उठाता देख, मुझे भी बहुत खुशी हो रही है।'
<h3>लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भी बधाई</h3>
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटल जी का जम्मू कश्मीर से एक विशेष स्नेह था। अटल जी इनसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत की बात को लेकर हम सबको आगे के काम के लिए दिशा-निर्देश देते रहे हैं। आज जम्मू कश्मीर इसी भावना को लेकर आगे बढ़ रहा है। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भी बधाई देता हूं। District Development Council के चुनाव ने एक नया अध्याय लिखा है। जम्मू कश्मीर के हर वोटर के चेहरे पर मुझे विकास के लिए, डेवलपमेंट के लिए एक उम्मीद नजर आई, उमंग नजर आई। जम्मू कश्मीर के हर वोटर की आंखों में मैंने अतीत को पीछे छोड़ते हुए, बेहतर भविष्य का विश्वास देखा।'
<h3>महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज का सपना पूरा</h3>
उन्होंने कहा कि 'इन चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत किया है. जम्मू-कश्मीर के प्रशासन और सुरक्षाबलों ने जिस प्रकार से चुनाव का संचालन किया और सभी दलों की तरफ से ये चुनाव बहुत ही परदर्शी हुए। ये जब मैं सुनता हूं तो मुझे बहुत गर्व होता है। जम्मू-कश्मीर में ये त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था एक प्रकार से महात्मा गांधी का ग्राम स्वराज का सपना पूरा किया है। देश में जो पंचायती राज व्यवस्था है उसने आज जम्मू-कश्मीर की धरती पर पूर्णता को प्राप्त किया है। जम्मू-कश्मीर में इन चुनावों ने ये भी दिखाया कि हमारे देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है, लेकिन एक पक्ष और भी है, जिसकी तरफ मैं देश का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं। पुडुचेरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत और म्यूनिसिपल इलेक्शन नहीं हो रहे।'
<h3>राजनीतिक दलों की कथनी और करनी में फर्क</h3>
पीएम ने विपक्षी दलों पर प्रहार करते हुए कहा कि 'आप हैरान होंगे, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ये आदेश दिया था, लेकिन वहां जो सरकार है, इस मामले को लगातार टाल रही है। पुडुचेरी में दशकों के इंतजार के बाद साल 2006 में Local Body Polls हुए थे। इन चुनावों में जो चुने गए उनका कार्यकाल साल 2011 में ही खत्म हो चुका है। कुछ राजनीतिक दलों की कथनी और करनी में कितना बड़ा फर्क है, लोकतंत्र के प्रति वो कितना गंभीर है इस बात से ही पता चलता है। कितने साल हो गए, पुडुचेरी में पंचायत चुनाव नहीं होने दिए जा रहे हैं।'
<h3>दलितों-पीड़ितों-शोषितों-वंचितों के कल्याण का लक्ष्य</h3>
पीएम मोदी ने कहा कि 'केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि गांव के विकास में, गांव के लोगों की भूमिका सबसे ज्यादा रहे. प्लानिंग से लेकर अमल और देखरेख तक पंचायती राज से जुड़े संस्थानों को ज्यादा ताकत दी जा रही है. गरीब से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए अब पंचायतों का दायित्व काफी बड़ा है. इसका लाभ जम्मू कश्मीर में भी दिख रहा है. जम्मू कश्मीर के गांव-गांव में बिजली पहुंची, यहां के गांव खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं. आज जम्मू-कश्मीर के लोगों का विकास हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. चाहे वो महिला सशक्तिकरण हो, युवाओं के लिए अवसर की बात हो, दलितों-पीड़ितों-शोषितों-वंचितों के कल्याण का लक्ष्य हो या फिर लोगों के संवैधानिक व बुनियादी अधिकार हों।'
<h3>जम्मू-कश्मीर में 10 लाख से ज्यादा शौचालय बनाए</h3>
उन्होंने कहा कि 'कोरोना के दौरान भी यहां जम्मू-कश्मीर में करीब 18 लाख सिलेंडर रिफिल कराए गए. स्वच्छ भारत अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर में 10 लाख से ज्यादा शौचालय बनाए गए, लेकिन इसका मकसद सिर्फ शौचालय बनाने तक सीमित नहीं, ये लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने की भी कोशिश है। आज हम लोगों को ये विश्वास दिलाने में सफल हुए हैं कि परिवर्तन संभव है और परिवर्तन उनके चुने हुए प्रतिनिधि ला सकते हैं। जमीनी स्तर पर लोकतंत्र लाकर हम लोगों की आकांक्षाओं को अवसर दे रहे हैं।'.