प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 की मीटिंग को संबोधित किया। पीएम इस मीटिंग में वर्चुअली शामिल हुए। वह 12 और 13 जून को संपर्क (आउटरीच) सत्रों में डिजिटल माध्यम से हिस्सा ले रहे हैं। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ‘एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य’ का मंत्र दिया। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने विशेष रूप से पीएम के इस मंत्र का उल्लेख किया और इसका मजबूत समर्थन दिया।
पीएम कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए ब्रिटेन (UK) नहीं जा सके। वह जिन तीन सत्रों में शिरकत कर रहे हैं, उनकी थीम है- बिल्डिंग बैक स्ट्रॉन्ग, बिल्डिंग बैक टूगेदर, बिल्डिंग बैक ग्रीनर। जी7 का अध्यक्ष होने के नाते ब्रिटेन ने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को आमंत्रित किया है। सत्र के दौरान प्रधानमंत्री ने भारत में कोविड संक्रमण की हालिया लहर के दौरान जी7 और अन्य मेहमान देशों द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की। उन्होंने महामारी से लड़ने के लिए भारत के ‘समग्र समाज’ के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला और सरकार, इंडस्ट्री और सिविल सोसाइटी के सभी स्तरों के प्रयासों की भी चर्चा की।
PM Narendra Modi during participation in the first Outreach Session of the G7 Summit today gave the Mantra of "One Earth, One Health" in his remarks. Chancellor Angela Merkel specifically referred to PM's mantra and conveyed strong support: GoI sources pic.twitter.com/OwtAb4J9hB
— ANI (@ANI) June 12, 2021
वहीं, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने पहले ट्रिप्स छूट (TRIPS Waiver) के बारे में पीएम मोदी के साथ अपनी चर्चाओं का उल्लेख किया। साथ ही भारत को ऑस्ट्रेलिया के मजबूत समर्थन से अवगत कराया। उधर, फ्रेंच राष्ट्रपति ने भारत जैसे वैक्सीन उत्पादकों को कच्चे माल की आपूर्ति का आह्वान किया ताकि पूरी दुनिया के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीन उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जून को भी जी-7 समिट के सत्रों में डिजिटल माध्यम से भाग लेंगे। इस बार ब्रिटेन इस शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है और उसने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को जी-7 सम्मेलन में आमंत्रित किया है। जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ ही यूरोपीय संघ हैं। इस बार जी-7 में कोरोना वायरस, फ्री ट्रेड और पर्यावरण पर चर्चा होनी है। ज्यादा फोकस इसी बात पर रहेगा कि कैसे दुनिया को कोरोना महामारी से मुक्त किया किया जाए और फिर एक मजबूत वापसी की जाए।