Hindi News

indianarrative

बिना सूचना के आम आदमी की तरह रकाबगंज गुरुद्वारा पहुंचे पीएम मोदी

बिना सूचना के आम आदमी की तरह रकाबगंज गुरुद्वारा पहुंचे पीएम मोदी

<p id="content">PM Modi In Gurudwara: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक रविवार को सुबह-सुबह रकाबगंज गुरुद्वारे में पहुंच गए। उन्हें अचानक गुरुद्वारा परिसर में देखकर गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के लोग भी चौंक गए। उनके गुरुद्वारे जाने को लेकर न तो सड़कों पर सिक्योरिटी और न ही बैरेकेडिंग के इंतजाम किए गए थे। आम आदमी की तरह बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुद्वारा पहुंचकर सभी को चौंका दिया। (PM Modi In Gurudwara) उन्होंने इस दौरान सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर जी को नमन करते हुए शांति का संदेश दिया। किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री मोदी का अचानक गुरुद्वारा पहुंचने को महत्वपूर्ण घटनाक्रम माना जा रहा है।</p>

<blockquote class="twitter-tweet">
<p dir="ltr" lang="hi">आज सुबह मुझे ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में मत्था टेकने का सौभाग्य मिला, जहां श्री गुरु तेग बहादुर जी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया था। दुनियाभर के लाखों लोगों की तरह श्री गुरु तेग बहादुर जी के विचार और जीवन मुझे सदैव प्रेरित करते हैं। <a href="https://t.co/MyrFnSLbOf">pic.twitter.com/MyrFnSLbOf</a></p>
— Narendra Modi (@narendramodi) <a href="https://twitter.com/narendramodi/status/1340528598625619968?ref_src=twsrc%5Etfw">December 20, 2020</a></blockquote>
<script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>

गुरु तेगबहादुर ने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था। उनकी शहादत हर साल शहीदी दिवस के रूप में याद किया जाता है। बीते शनिवार को ही पूरे देश ने उनका शहीदी दिवस मनाया है। सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान ध्यान रखा गया कि इस दौरान आम आदमी को किसी तरह की दिक्कत न हो। क्योंकि रविवार के दिन गुरुद्वारे में शीश नवाने जाने वालों की संख्या ज्यादा होती है। इसीलिए कहीं कोई सुरक्षा आदि की वैसी व्यवस्था नहीं हुई, जैसी आमतौर पर होती है।

गुरु तेग बहादुर ने 17वीं शताब्दी के दौरान सिख धर्म का प्रचार किया। वर्ष 1975 में उन्होंने हंसते-हंसते प्राणों का बलिदान कर दिया था। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब के किसानों की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन के बीच अचानक गुरुद्वारा पहुंचकर एक संदेश दिया है। हालांकि, भाजपा नेताओं का कहना है कि यह शुद्ध आस्था का मामला है। इसे किसी और नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।.