प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-रुपी (e-RUPI) को लॉन्च किया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पीएम मोदी ने 'ई-रुपी' की शुरुआत की। आपको बता दें कि ई-रुपी फ्यूचरिस्टिक डिजिटल पेमेंट सॉल्युशन है। इसके जरिए पेमेंट करने के लिए किसी डेबिट-क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग या यूपीआई की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसको नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने तैयार किया है। यह सुविधा पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी है।
Launching e-RUPI. Watch. https://t.co/JeQo93yZXM
— Narendra Modi (@narendramodi) August 2, 2021
इस तरह काम करेगा ई-रूपी
ई-रुपी एक कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस डिजिटल पेमेंट है। इसके जरिए सीधे लाभार्थी के मोबाइल पर ई-वाउचर भेजा जाएगा। QR कोड या SMS स्ट्रिंग पर आधारित ई-वाउचर के जरिए लाभार्थी तक उसके पैसा पहुंचाया जाएगा। इसमें खास बात ये है कि ई-वाउचर से भुगतान के लिए कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप की जरूरत नहीं होगी, ना ही ऑनलाइन बैकिंग की जरूरत रहेगी। इसके जरिए लेन-देन पूरा होने के बाद ही सर्विस प्रोवाइडर को पेमेंट होगा, यानी जब तक वाउचर आपके मोबाइल में है, वो आपका है।
योजनाओं का लाभ अंतिम जन तक पहुँचाने की दिशा में एक और उत्कृष्ट पहल #eRUPI को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 2 अगस्त, 4:30 बजे देश को समर्पित करेंगे। #eRUPI, NPCI द्वारा विकसित एक प्रीपेड e-Voucher है।
कार्यक्रम लाइव देखें: https://t.co/AAWdZhqFmf पर@NPCI_NPCI @PMOIndia pic.twitter.com/F9tZq71lZZ— National Health Authority (NHA) (@AyushmanNHA) July 31, 2021
इस वाउचर के लिए एक तय समय होगा, जिसके अंदर आपको वाउचर से भुगतान करना होगा। ई-रुपी एक वाउचर के रूप में है, जो वाउचर देने वाला लाभार्थी तक पहुंचाता है। ई-रुपी में पेमेंट के लिए डेबिट-क्रेडिट कार्ड, यूपीआई जैसे किसी थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे सर्विस प्रोवाइडर को भी फायदा मिलेगा। आमतौर पर सर्विस प्रोवाइडर को शिकायत रहती है कि उसने लाभार्थी को सेवा तो दे दी, लेकिन उसका पेमेंट नहीं हो पाया। ई-रूपी पेमेंट की एक गारंटी है।
आपको बता दें कि इसका इस्तेमाल आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, फर्टिलाइजर सब्सिडी आदि जैसी योजनाओं के तहत मदर एंड चाइल्ड वेलफेयर स्कीम्स, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, दवाओं और निदान के तहत दवाएं और पोषण सहायता प्रदान करने के लिए योजनाओं के तहत सर्विस देने के लिए भी किया जा सकता है। निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और सीएसआर कार्यक्रमों में इन डिजिटल वाउचर का लाभ उठा सकता है।