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PM Modi Mission Kashmir कश्मीरी नेताओं के बोल सुनकर दुनिया भौंचक्की, फट गया Pakistan का भोंपू

PM Modi Mission Kashmir

कश्मीर के विभाजन और आर्टिकल 370 को हटाने के बाद कश्मीर के राजनीतिक दलों के साथ पीएम मोदी की बैठक से पाकिस्तान और तुर्की सहित उन देशों के मंसूबों को धक्का लगा है जो बार-बार कश्मीर को मुद्दा बनाकर भारत नाहक निशाना बनाते थे।

खास बात यह है कि पाकिस्तान की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, और बैठक में शामिल कश्मीर के नेताओं ने सिद्धांततः इस बात पर मुहर लगा दी कि कश्मीर का विभाजन और अनुच्छेद 370 को खत्म करना सही था। हालांकि, महबूबा मुफ्ती ने 370 का मुद्दा उठाने की हल्की सी कोशिश की थी लेकिन मुजफ्फर हुसैन ने कहा कि इस मंच पर कश्मीर को स्टेटहुड का दर्जा देने और वहां विधानसभा के चुनाव कराने पर चर्चा होनी चाहिए। बैठक में कश्मीर और कश्मीरियत के विकास की बात होनी चाहिए।

बैठक में शामिल सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी-अपनी बातें रखीं और प्रधानमंत्री मोदी ने सबकी बातों को ध्यान से सुना और बाद में कहा कि राज्य की डिलिमिटेशन प्रक्रिया शुरू होने के बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सबसे पहले कश्मीरी पंडितों को बसाया जाए। उन्होंने कहा कि कश्मीरी नेताओं के मन में यह आशंका थी कि मीटिंग का कोई एजेंडा नहीं बताया गया है तो बात-चीत किस मुद्दे पर होगी। लेकिन जब पीएम मोदी आए तो उन्होंने कहा कि यह ओपन मंच है। जिसको जो कहना है वो कह सकता है। इसके बाद सबसे पहले वक्ता होने के नाते उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाए और अधिवास नियम बनाए जाएं।  उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी नेताओं ने  पूर्ण राज्य की मांग की।  

जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी ने कहा कि वार्ता आज अच्छे माहौल में हुई। प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं के मुद्दे सुने। पीएम ने कहा कि परिसीमन प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी। पीएम ने सभी को परिसीमन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए कहा। हमें भरोसा दिलाया गया है कि यह चुनाव का रोडमैप है। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने कहा कि बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई। हम बैठक से काफी सकारात्मक निकले हैं। हमें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कुछ बेहतर होगा। वहीं, सूत्रों ने बताया कि सरकार परिसीमन प्रक्रिया के बाद चुनाव कराने के पक्ष में है।

इस बैठक में राजनीतिक दलों के नेताओं के एक-एक शब्द पर दुनिया की निगाहें लगी हुई थीं। क्यों कि पाकिस्तान और तुर्की हमेशा यह प्रोपेगण्डा फैलाते हैं कि कश्मीर में कश्मीरियों को बंदूक की नोक पर बंधक बना कर रखा हुआ है। जम्मू-कश्मीर के नेताओं के बोल से आज पाकिस्तानी भोंपू फूट गया। आज दुनिया ने देख लिया कि मोदी सरकार ने कश्मीर में जो कुछ किया वो कश्मीरियों की भलाई के लिए किया। नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कुछ एक आपत्तियों के साथ इस बात को स्वीकार किया कि कश्मीर में जल्दी चुनाव कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि दिल्ली की दूरी और दिल की दूरी कम होंगी। उन्होंने कहा कि अब आगे आने वाले समय में पता चलेगा कि ये शब्द कितने सही साबित होते हैं।