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PM Modi ने जारी किया 125 रुपये का स्पेशल सिक्का, ISKCON के संस्थापक को दिया सम्मान

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (1 सितंबर) को 125 रुपये का सिक्का जारी किया। ये सिक्का पीएम मोदी ने इस्कॉन के जरिए देश-विदेश में कृष्ण भक्ति का अलख जगाने वाले श्री भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की 125वीं जयंती के मौके पर किया गया हैं। इस सिक्के में उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाया गया है। वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिए सिक्का जारी करते हुए पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए स्वामी प्रभुपाद को एक अलौकिक कृष्णभक्त करार दिया और कहा कि वो एक महान देश भक्त भी थे।

आपको बता दें कि स्वामी प्रभुपाद ने इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) की स्थापना की थी। इसे आमतौर पर 'हरे कृष्ण आंदोलन' के रूप में जाना जाता है। इस्कॉन ने श्रीमद् भागवत गीता और अन्य वैदिक साहित्य का 89 भाषाओं में अनुवाद किया जो दुनिया भर में वैदिक साहित्य के प्रसार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। स्वामी प्रभुपाद ने दुनियाभर में 100 से अधिक मंदिरों की भी स्थापना की। उन्होंने विश्व को भक्ति योग का मार्ग दिखाने वाली कई किताबें लिखीं। 

उनकी जंयती के मौके पर पीएम मोदी ने हम सभी जानते हैं कि प्रभुपाद स्वामी एक अलौकिक कृष्णभक्त तो थे ही, साथ ही वे एक महान भारत भक्त भी थे। उन्होंने देश के स्वतन्त्रता संग्राम में संघर्ष किया था। उन्होंने असहयोग आंदोलन के समर्थन में स्कॉटिश कॉलेज से अपना डिप्लोमा तक लेने से मना कर दिया था। जब भी हम किसी अन्य देश में जाते हैं और जब वहां मिलने वाले लोग 'हरे कृष्णा' कहते हैं, तो हमें काफी अपनापन और गर्व महसूस होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें यह अहसास तब भी होगा, जब मेक इन इंडिया उत्पादों के लिए भी यही अपनापन मिलेगा। हमें इस्कॉन से काफी कुछ सीख सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दुनिया के विभिन्न देशों में सैकड़ों इस्कॉनमंदिर हैं और कई गुरुकुल भारतीय संस्कृति को जीवित रखे हुए हैं। इस्कॉन ने दुनिया को बताया कि भारत के लिए आस्था का मतलब- उमंग, उत्साह, उल्लास और मानवता पर विश्वास है। मोदी ने कच्छ के भूकंप, उत्तराखंड हादसे, ओडिशा और बंगाल में आए चक्रवात के दौरान इस्कॉन द्वारा किए गए सेवा कार्य पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान इस्कॉन द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की।