उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 3 दिनों तक जमे बीजेपी के संगठन महासचिव बीएल संतोष ने जब पार्टी और सरकार की कुंडली खंगाली तो यूपी बीजेपी में भूचाल आ गया है। सारा जानकारी लेने के बाद बुधवार को ही सुबह की फ्लाइट से बीजेपी के उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधा मोहन सिंह भी दिल्ली चले गए, जहां चर्चा अब दिल्ली में होनेवाले आरएसएस की उस बड़ी बैठक की हो रही है जिसमें संघ कई बड़े बड़े मुद्दों पर अपनी राय और फैसला लेगा।
कहा को ये भी जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार में पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी और नए चेहरे अरविंद कुमार शर्मा की एंट्री हो सकती है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने 2022 का विधानसभा चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की लीडरशिप में ही लड़ने का फैसला लिया है। लेकिन कैबिनेट में जरूर बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। उत्तर प्रदेश में बीते दिनों बीजेपी के संगठन महासचिव बीएल संतोष पहुंचे थे और राज्य के कई मंत्रियों और विधायकों से अलग-अलग मुलाकात की थी। इसके अलावा दिल्ली में भी यूपी को लेकर शीर्ष नेतृत्व की एक मीटिंग हुई थी। इसके बाद से ही यूपी सरकार में 'ऑल इज वेल' न होने के कयास लगाए जा रहे थे।
भले ही योगी आदित्यनाथ और स्वतंत्र देव सिंह को बीजेपी ने बनाए रखने का संकेत देकर कयासों पर विराम लगा दिया है, लेकिन अब भी सब कुछ सामान्य नहीं लग रहा है। हालांकि यह भी साफ है कि बीजेपी योगी आदित्यनाथ को लेकर कोई भी फैसला नहीं लेगी। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इसी महीने योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में बड़े बदलाव हो सकते हैं। इसमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को सरकार की ओर से साधने का प्रयास किया जा सकता है। पिछले दिनों यूपी आए संगठन महासचिव बीएल संतोष और यूपी के प्रभारी राधा मोहन सिंह की मंत्रियों और विधायकों से एक के बाद एक मीटिंग्स में लिए गए फीडबैक के बाद यह फैसला लिया गया है।
बीएल संतोष और राधामोहन सिंह की टीम ने सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के अलावा कई मंत्रियों औैर विधायकों से मीटिंग की थी। इसके बाद उनसे मिले फीडबैक से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया है। कहा जा रहा है कि दोनों नेता आरएसएस के कहने पर बीजेपी की ओर से भेजे गए थे। मई के आखिरी दिनों में आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी दोनों दिनों के लिए लखनऊ आए थे। माना जा रहा था कि वह भी यूपी में सरकार के कामकाज के फीडबैक और विधानसभा चुनाव से जुड़ी तैयारियों को लेकर ही रुके हुए थे।
यही नहीं बीजेपी चीफ जेपी नड्डा भी 5 और 6 जून को दिल्ली में यूपी समेत कई राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मीटिंग करने वाले हैं। इसके अलावा अगले महीने वह यूपी का दौरा भी करेंगे, जिसमें वह पार्टी संगठन में फेरबदल को लेकर चर्चा कर सकते हैं। भले ही सोशल मीडिया पर तमाम कयास योगी आदित्यनाथ को लेकर लगाए जा रहे हैं।