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Maitri Setu: पीएम मोदी ने किया मैत्री सेतु का उद्घाटन, जानिए भारत के लिए क्या है इसका महत्व

पीएम नरेंद्र मोदी ने मैत्री सेतू का किया उद्घाटन। फाइल फोटो

PM Modi Inaugurates Maitri Setu: भारत और बांग्लादेश के बीच फेनी नदी पर बने नए ब्रिज 'मैत्री सेतु' (Maitri Setu)  का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया है। उद्घाटन कार्यक्रम में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Bangladesh PM Sheikh Hasina) भी शामिल हुईं। मैत्री सेतु का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान मैंने और प्रधानमंत्री शेख हसीना जी ने मिलकर त्रिपुर को बंग्लादेश (Tripur Bangladesh Maitri Setu) से सीधे जोड़ने वाले जिस ब्रिज का शिलान्यास किया गया था आज उसका लोकार्पण किया गया है। बता दें कि यह सेतु त्रिपुरा राज्य की फेनी नदी पर बना हुआ है। जो कि त्रिपुर और बांग्लादेश के बीच से बहती है।

मैत्री सेतु के निर्माण पर 133 करोड़ रुपए की लागत आई है। 1.9 किलोमीटर लंबा यह पुल भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। मैत्री सेतु बांग्लादेश के चट्टोग्राम बंदरगाह तक पहुंचने के लिए त्रिपुरा और पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार बन गया है। दोनों देशों के बीच व्यापार और परस्पर सहयोग बढ़ेगा।

पीएम मोदी ने त्रिपुर के लोगों संबोधित करते हुए कहा कि आज से 3साल पहले आप लोगों ने एक नया इतिहास रचा था और पूरे देश को एक मजबूत संदेश दिया था। पीएम ने कहा कि दशकों से राज्य के विकास को रोकने वाली नाकारात्मक शक्तियों को हटाकर त्रिपुर के लोगों ने एक नई शुरुआत की थी।

पीएम मोदी ने कहा- 2017 में आपने त्रिपुरा में विकास का डबल इंजन लगाने का फैसला किया। इस डबल इंजन के फैसले के कारण जो परिणाम निकले, वो आज आपके सामने है। आज त्रिपुरा पुरानी सरकार के 30साल और डबल इंजन की 3साल की सरकार में आए बदलाव को स्पष्ट अनुभव कर रहा है। जिस त्रिपुरा को हड़ताल कल्चर ने बरसों पीछे कर दिया था, आज वो 'ईज ऑफ डुइंग बिजनेस' के लिए काम कर रहा है। जहां कभी उद्योगों में ताले लगने की नौबत आ गई थी, वहां अब नए उद्योगों, नए निवेश के लिए जगह बन रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि बीते 6 साल में त्रिपुरा को केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि में बड़ी वृद्धि की गई है। वर्ष 2009 से 2014 के बीच केंद्र सरकार से त्रिपुरा को केंद्रीय विकास परियोजनाओं के लिए 3500 करोड़ रुपए की मदद मिली थी। जबकि साल 2014 से 19 के बीच 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक की मदद दी गई है।