प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर को लेकर बैठक की जा रही है। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के करीब दो साल के बाद केंद्र सरकार की ओर से राज्य के नेताओं के साथ बातचीत की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से बुलाई गई 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं की सर्वदलीय बैठक में परिसीमन के विषय पर चर्चा हो सकती है। सूत्रों की मानें तो इस बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय भल्ला के अलावा कुछ अन्य बड़े अधिकारी बैठक में शामिल रह सकते हैं।
नई दिल्ली में PM आवास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हो रही इस बैठक में फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, रविन्द्र रैना, कवींद्र गुप्ता, निर्मल सिंह, सज्जाद लोन, भीम सिंह समेत अन्य कई नेता शामिल हैं। इस मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, NSA अजीत डोभाल, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा केंद्र के के अन्य कई अफसर भी मौजूद हैं।
नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने बैठक से पहले कहा, ”मैं बैठक में जा रहा हूं। मैं वहां मांगों को रखूंगा और फिर आपसे बात करूंगा।” वहीं महबूबा मुफ्ती के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, ” वह उनकी पार्टी की अध्यक्ष हैं, उन्होंने जो कहा उस पर मैं क्यों बोलूं?”
5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 और 35A हटाए जाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद पीएम मोदी की राज्य के सभी दलों के नेताओं के साथ यह पहली मुलाकात हो रही है। इस मीटिंग का एजेंडा अभी स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि राज्य में चुनाव प्रक्रिया शुरू करने और उससे पहले परिसीमन कराए जाने को लेकर इसमें बात हो सकती है। केंद्र सरकार की ओर से विधानसभा सीटों के परिसीमन के लिए आयोग का गठन पहले ही किया जा चुका है, जिसने अपना काम शुरू कर दिया है।
पीएम मोदी की इस अहम मीटिंग से पहले जम्मू-कश्मीर में हलचल है, राज्य में 48 घंटे के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। लाइन ऑफ कंट्रोल पर भी नज़र पैनी कर दी गई है। वहीं, ज़रूरत पड़ने पर इंटरनेट की सुविधा पर भी रोक लगाई जा सकती है। बता दें कि पीएम मोदी की मीटिंग से पहले बुधवार को ही आतंकवादियों ने एक बार फिर हमला किया था।