प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7वें योग दिवस कार्यक्रम को सोमवार को सुबह करीब साढ़े 6बजे संबोधित करेंगे। पीएम मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। खबरों की माने तो इस साल योग दिवस की मुख्य थीम 'स्वास्थ्य के लिए योग' (योग फार वेलनेस) है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, कल 21जून को हम सातवां योग दिवस मनाएंगे, इस साल की मुख्य विषयवस्तु तंदुरुस्ती के लिए योग है, जो शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती के लिए योगाभ्यास पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, लगभग 6.30बजे सुबह योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करूंगा। वहीं, आयुष मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सभी दूरदर्शन चैनलों पर सुबह 6:30बजे शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में आयुष राज्य मंत्री किरन रिजिजू का संबोधन और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के योग प्रदर्शन का सीधा प्रसारण भी शामिल है।
Tomorrow, 21st June, we will mark the 7th Yoga Day. The theme this year is ‘Yoga For Wellness’, which focusses on practising Yoga for physical and mental well-being. At around 6:30 AM tomorrow, will be addressing the Yoga Day programme.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 20, 2021
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस महामारी के अनुभव ने योग के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जनता को अधिक जागरूक बना दिया है और इस अनुभव को आयुष मंत्रालय ने अपने प्रचार प्रयासों में विधिवत समायोजित किया है। इसके आगे कहा गया है कि, कोविड-19पर मंत्रालय की सलाह ने प्रतिरक्षा स्तर को बढ़ावा देने और कोविड-19से निपटने के लिए योग के नियमित अभ्यास के महत्व पर प्रकाश डाला। इन सलाहों को सरकार और अन्य हितधारकों के कई माध्यमों के जरिए व्यापक रूप से प्रचारित किया गया और जनता के साथ-साथ स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए भी उपयोगी पाया गया था।
मंत्रालय ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से आई रिपोर्टों से इस बात के संकेत मिलते हैं कि कोविड-19मरीजों के इलाज में सहायक प्रक्रियाओं के रूप में कई अस्पतालों में योग अभ्यासों को सपलतापूर्वक शामिल किया गया है और योह इस बीमारी से तेजी से ठीक होने में अपना योगदान देता है।
बताते चलें कि, कोरोना काल में योग की अहमियत भी बढ़ी है और यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में भी कारगर साबित हो रहा है। नियमित योग प्राणायाम करने से शरीर निरोग रहता है, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और यह जीवन पद्धति में अब शुमार हो रहा है।