पंजाब नेशनल बैंक स्कैम के आरोपी मेहुल चोकसी को डोमिनिका में बड़ा झटका लगा है। डोमिनिका की सरकार ने चोकसी को अवैध अप्रवासी घोषित किया है। 25 मई को डोमिनिका सरकरा द्वारा इस बारे में आदेश जारी किया गया था। चोकसी पर डोमिनिका में अवैध तरीके से घुसने का आरोप लगा है। मंत्रालय ने पुलिस को आप्रवासन और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 5(1)(1) के तहत चोकसी को डोमिनिका के राष्ट्रमंडल से हटाने का निर्देश दिया था।
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार मंत्रालय ने उसी दिन चोकसी को एक अलग नोटिस भी भेजा, जिसमें भगोड़े कारोबारी को बताया गया कि उसे 'डोमिनिका में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है।' इस नोटिस में कहा गया है कि पुलिस को निर्देश दिया गया है कि आपको वापस भेजने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करें।' इससे एक बात साफ हो जाती है कि डोमिनिका सरकार की नोटिस चोकसी के वकील विजय अग्रवाल के उस दावे को खारिज करती है, जिसमें कहा गया था कि उनका मुवक्किल प्रतिबंधित अप्रवासी नहीं है और उसका अपहरण हुआ था।
वहीं, डोमिनिका उच्च न्यायालय ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की जमानत याचिका पर सुनवाई 11 जून तक के लिए स्थगित कर दी है। स्थानीय मीडिया खबरों के अनुसार, मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के बाद चोकसी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। चोकसी के स्थानीय वकीलों के दल ने यह याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत के न्यायाधीश ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई शुरू की।
डोमिनिका न्यूज ऑनलाइन के मुताबिक सरकारी पक्ष के वकील ने जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि चोकसी देश छोड़कर भाग सकता है। इसके बाद न्यायधीश ने मामले पर सुनवाई 11 जून तक के लिए स्थगित कर दी। न्ययालय चोकसी के विधिक दल की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर भी सुनवाई कर रहा था और उसकी सुनवाई भी स्थगित कर दी गई। बताते चलें कि, 23 मई को चोकसी एंटीगुआ एवं बारबुडा से रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गया था उसे पड़ोसी देश डोमिनिका में अवैध प्रवेस करने पर गिरफ्तार किया गया था।