तथाकथित किसान आंदोलन के नाम पर भारत के खिलाफ चल रही इंटरनेशनल साजिश का पर्दाफाश हो चुका है। इस साजिश में भारत के सियासी दलों के कुछ बड़े नेता और मीडिया घरानों के शामिल होने की आशंका सामने आई है। इन सब के बीच अमेरिका की ओर से भारत के लिए अच्छा संकेत मिला है। जहां अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन के एडमिनिस्ट्रेशन ने भारत के खिलाफ प्रोपेगंडा को गलत बताया और विकास के मुद्दे का समर्थन किया है । बाइडेन प्रशासन का भारत सरकार के कदमों की प्रशंसा करना यह जताता है कि चीन-पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने साजिश रची है उसकी कठपुतली कथित आंदोलन के नेता बन चुके है।
हालांकि, बाइडेन प्रशासन ने लोकतांत्रिक परंपराओं की दुहाई, प्रदर्शन के अधिकार को सही ठहराया है, लेकिन यह भी कहा है प्रदर्शन में किसी भी तरह की हिंसा को स्थान नहीं हो सकता। अमेरिकी प्रशासन ने बाजारों के आधुनिकीकरण और कार्यकुशलता का समर्थन करते हुए सरकार के कदमों को सही ठहराया है।
रिहाना और ग्रेटा थर्नबर्ग जैसे कम अक्ल और अनुभवहीन लोग जब भारत के किसी आंदोलन पर टीका टिप्पणी करते हैं तो उसके पीछे चल रही इंटरनेशनल साजिश खुद ब खुद सामने आ जाती है। इसके अलावा इंटरनेट पर काम करने वाले 99 फीसदी से ज्यादा लोग मिंया खलीफा बारे में जानते ही होंगे। वो कुछ दिनों पहले तक पोर्न स्टार थी। मतलब यह कि वो ब्लूफिल्म बनाती और इंटरनेट पर बेचती थी। आजकल वो रेडियो जॉकी है। भारत के भ्रमित आंदोलन पर यूं तो कोई भी कहीं भी बैठकर कमेंट कर सकता है, लेकिन आंदोलन करने वाले और आंदोलन को सपोर्ट करने वाले नेता जब मिया खलीफा जैसी ब्लू फिल्म बनाने वाली महिला के कमेंट को हथियार बनाते हैं तो लगता है कि ‘ये लोग भी मानसिक दीवालिया’हो गए हैं। आंदोलन की पब्लिसिटी के लिए ब्लू फिल्म बनाने वाली महिला का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ग्रेटा थर्नबर्ग की उम्र और अनुभव के बारे में जो लोग नहीं जानते थे वो अब जान गए होंगे। अब अंतर्राष्ट्रीय साजिशों में उसे कहां तक इस्तेमाल किया जा सकता है। इसको भी लोग जान चुके हैं। सुनने में तो यह भी आ रहा है कि मिया खलीफा, ग्रेटा थर्नबर्ग और रिहाना ने भारत के इस आंदोलन को एंडोर्स करने के लिए करोड़ों डॉलर वसूले हैं। इन जैसे लोगों का ईमान सिर्फ पैसा ही होता है। ये करोड़ो डॉलर मिया खलीफा, रिहाना और ग्रेटा थर्नबर्ग तक कैसे पहुंचे किसने पहुंचाए और क्यों पहुंचाए इन सवालों का जवाब भी है। जो बहुत जल्दी दुनिया के सामने आ ही जाएंगे। फिल्हाल रिहाना को बीजेपी नेता तेजिंदर सिंह बग्गा ने एक रीट्वीट में रिहाना को जमकर लताड़ा है।
Dear Reihanna,
you should tweet to US Govt to support Indian Government to continue farmers subsidies in WTO.
US, Canada and other developed countries are putting pressure on India in WTO to remove farm subsidies https://t.co/W0dPi1Z2As— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) February 3, 2021
इसी तरह मुखर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कथित किसान आंदोलन के नाम पर भारत के खिलाफ चल रही साजिशा को ग्रेटा थर्नबर्ग के ट्वीट से दुनिया के सामने जाहिर किया।
ग्रेटा ने जो ट्वीट डिलीट किया उसके डोकुमेंट के मुताबिक दिल्ली और देश को जलाने का एक एक दिन का दो महीने लम्बा प्लान बना हुआ है
26 जनवरी के आतंकी हमलें को सोच समझ कर किया गया
भयानक हिंसा की तैयारी की गई हैं #IndiaAgainstPropaganda#IndiaWithModi pic.twitter.com/mOGamHQORo
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 3, 2021
देश के खिलाफ इतनी बड़ी साजिश के बावजूद सरकार के कदम इतने नरम और देर से क्यों उठ रहे हैं- सवाल तो यह भी है लेकिन उससे भी बड़ा सवाल यह भी है कि महेंद्र सिंह टिकैत, दर्शन पाल और अन्य वो लोग जो किसानों के नेता बनने का स्वांग करते हैं वो सब क्या रिहाना, ग्रेटा थर्नबर्ग और मिया खलीफा (पोर्न स्टार) का समर्थन हासिल करके साबित करना क्या चाहते हैं।