पंजाब के चीफ मिनिस्टर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपना प्रिंसिपल एडवाइजर बनाया है। वह 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति तैयार करने में मदद करेंगे। प्रदेश सरकार ने उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा दिया है। हालांकि, प्रशांत किशोर की सैलरी एक रुपया होगी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट में कहा, '' यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रशांत किशोर मुख्य सलाहकार के तौर पर मेरे साथ जुड़ गए हैं। पंजाब के लोगों की बेहतरी के लिए साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूं।'
प्रशांत किशोर की नियुक्ति की पुष्टि उन अटकलों के बाद हुई है जिनमें कहा गया था कि प्रशांत पिछले छह माह से अधिक समय से सीएम अमरिंदर सिंह और कांग्रेस सरकार के साथ काम कर रहे हैं। पंजाब में वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसके तुरंत बाद एक अन्य ट्वीट में बताया कि प्रशांत किशोर को कैबिनेट मिनिस्टर की रैंक (संबंधित भत्तों सहित) और एक रुपये का टोकन मानदेय मिलेगा।'
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने वर्ष 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के चुनाव अभियान की कमान संभाली थी। वर्तमान में प्रशांत किशोर की कंपनी, इंडियन पालिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मदद कर रही है। किशोर ने वर्ष 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के लिए अभियान की कमान संभाली थी।
वहीं यूपी में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बुरी तरह हार मिली। तब भी प्रशांत किशोर कांग्रेस के रणनीतिकार थे। पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। चुनाव नतीजे आने के बाद प्रशांत किशोर ने इस हार के लिए सपा के साथ गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि यूपी में टॉप मैनेजमेंट ने मुझे खुलकर काम नहीं करने दिया, ये हार उसी का नतीजा है। कांग्रेस को इस चुनाव में सिर्फ 7 सीटें मिली थीं। ये आजादी के बाद पार्टी का अब तक का सबसे खराब परफॉर्मेंस था।