चक्रवर्ती तौकते तूफान जब मुंबई से गुजरा तो इसकी चपेट में जहाज बर्ज P-305 भी फंस गया। इसमें सवार 75 में से 26 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन 49 क्रू मेंबर्स अब भी लापता हैं। समुद्र में उफनती लहरों के बीच नौसेना इन क्रू की तलाश में दिन-रात एक की हुई है। नैसेना के साथ साथ देशभर के लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं और समुद्र में खोए हुए लोगों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। लोगों को उम्मीद है कि समुद्र में ये लापता लोग अपने हौसले से मौत को मात देकर अपने परिवार के पास वापस लौटेंगे। उनके सुरक्षित होने के लिए देशभर में लोग दुआएं कर रहे हैं।
समुद्र में इससे पहले भी लोग लापता हुए हैं और मौत को मात देकर 20 दिन, 30 दिन, 100 दिन यहां तक कि 438 दिन बाद वापस लौटे हैं। इस बार भी लोग दुआ कर रहे हैं कि ये क्रू मेंबर भी मौत को मात देकर वापस आ जाये। आईए जानते हैं ऐसी घटनाएं कब कब हुई है…
एक साल से भी अधिक भटकने के बाद नहीं छोड़ा हैसाल
समुद्र में एक साल से भी अधिक समय तक (438 दिन) जोस साल्वाडोर अलवरेंगा लापता रहे। मेक्सिको तट के पास समुद्री तूफान में उनकी बोट में लगी मोटर अलग होने के बाद लापता हो गई। जोस के साथ सिर्फ उनके साथी 22 वर्षीय एजेक्विल ही बचे। समुद्र में भटकने के चार महीने में उनके साथी की मौत हो गई, उसके बाद भीउन्होंने जिंदा रहने का हौसला नहीं छोड़ा। इस दौरान उन्होंने अपने आप को मछलियां, पक्षी, शार्क खाकर और बारिश का पानी पीकर जिंदा रखा।
चीन के पून लिम समुद्र में 133 दिन तक भटकते रहे
चीन के पून लिम एक राफ्ट के जरिए नवम्बर 1942 से अप्रैल 1943 तक समुद्र में भटकते रहे। अब तक सबसे अधिक दिनों तक समुद्र में रहने वाले लिम पहले व्यक्ति हैं। वो ब्रिटिश मर्चेंट शिप का हिस्सा था जो केपटाउन से चला था। इस शिप पर समुद्र में नाजी यू-बोट ने हमला कर दिया था। जिसके बाद दो घंटे वो समुद्र में तैरते रहे। इस दौरान उन्हें एक लाइफ राफ्ट मिला जिसपर कुछ बिस्कुट, टॉर्च और ताजा पानी मिला। हालांकि ये जल्दी खत्म हो गया और उन्हें मछलियां खाक गुजारा करना पड़ा। अंत में अमेजन रिवर में उन्हें तीन ब्राजीली मछुआरों ने बचा लिया। वापस लौटने पर किंग जॉर्ज VI ने उन्हें ब्रिटिश एम्पायर मेडल से सम्मानित किया। रॉयल नेवी ने उनकी कहानी को सर्वाइवल मैनुअल में शामिल किया।
आइस बॉक्स ने बचाई 2 लोगों की जान
दिसंबर 2008 में समुद्र में गई एक छोटी थाई फिशिंग बोट लापता हो गई थी। इसमें 20 लोग सवार थे, करीब 25 दिन बाद एक कस्टम्स प्लेन को ऑस्ट्रेलिया की जल सीमा में हॉर्न आइसलैंड के पास एक आइस बॉक्स तैरता नजर आया। जिसमें बर्मा मूल के दो लोग मिले थे। चक्रवात शार्लोट, समुद्री शार्क के खतरों का सामना करते हुए खुद को कूल आइस बॉक्स में सुरक्षित रखा।
76 दिन राफ्ट के सहारे समुद्र में बिताए
स्टीव कॉलहान 76 दिनों तक समुद्र में भटकने के बाद मात देकर वापस लौट आए। स्टीव अपनी खुद की बनाया बोट लेकर ट्रांसअटलांटिक नौका यात्रा पर गए। करीब एक सप्ताह में ही उनका बोट डैमेज हो गया और डूब गई। इसके बाद उन्होंने इन्फ्लैटेबल लाइफ राफ्ट पर अगले 76 दिन समुद्र में बिताए। बोट डूबने से पहले ही उन्होंने कुछ जरूरी सामान निकाल लिया था। इनमें से एक स्पीयर गन भी थी। इसके सहारे ही उन्होंने समुद्र में मछलियां पकड़ कर अपना गुजारा किया। 76 दिन तक समुद्र में कठीन परिस्थितियों का सामने करने के बाद वो फ्रांस के गुआडेलू तट पर पहुंचने में कामयाब हुए।