दिल्ली में राजघाट के निकट 'सदैव अटल' पहुंचकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदि ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की।'सदैव अटल' अटल बिहारी बाजपेयी की समाधि स्थल का नाम है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल मंत्री पीयूष गोयल समेत केंद्र सरकार के कई मंत्रियों ने बीजेपी के संस्थापक सदस्य को याद किया। 1
<img class="alignnone wp-image-22291 size-full" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/12/WhatsApp-atalji.jpeg" alt="sadaiv atal" width="1280" height="1280" />
सन् 1924 में जन्मे वाजपेयी ने बीजेपी के जन्म से लेकर उसके अपने दम पर केंद्र की सत्ता में पहुंचने का दौर देखा। तीन बार प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर बैठे वाजपेयी को मृदुभाषी लेकिन वाचाल माना जाता रहा। उनके भाषण की खास शैली थी जो लोगों को मुरीद बनाती थी। भारतीय शिखर पुरुष कहे जाने वाले अटल बिहारी बाजपेयी को प्रायः सभी पार्टियों के लोग सम्मान की दृष्टि से देखते थे। लेकिन एक बार ऐसा समय भी आया कि जब नैतिकता को दरकिनार कर सदन में मात्र एक वोट से उनकी सरकार गिरा दी गई। इसके बावजूद अटल जी व्यवहार सभी के लिए एक समान रहा।
अटल बिहारी बाजपेयी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जहां हिमाचली टोपी पहन रखी थी तो प्रधानमंत्री मोदी अलग तरह की गरम टोपी लगाए हुए थे। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पर्वों पर कभी राजस्थानी तो कभी मराठी पगड़ी में दिखाई देते हैं। अटल जी की जयंती पर भी उनका लुक एक अलग और आकर्षक था।.