कोरोना महामारी में राज्य सरकारें अपने स्तर पर मैनेजमेंट कर रही हैं। कई चीजें बुरी हैं को कई चीजें अच्छी भी हैं। अब बिहार के एक एप की खूब तारीफ हो रही है। बिहार का एचआईटी कोविड एप पूरे देश में हिट होगा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस एप की सराहना की है। अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किए जाने की तैयारी है। यह ऐप घर पर रहकर स्वस्थ हो रहे कोरोना रोगियों की स्थिति पर नजर रखता है।
इस एप को खासतौर से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए बनाया गया है। इस काम में अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ही आशा और एएनएम को लगाया गया है। उन्हें दिए गए टैबलेट में एचआईटी कोविड एप इंस्टाल किया गया है। इसके जरिए वे अपने क्षेत्र में होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों का पूरा डाटाबेस तैयार करेंगी। इसी डाटा के आधार पर मरीजों की देखरेख सुनिश्चित की जाएगी। नौ राज्यों के विभिन्न जिलों के अधिकारियों के साथ मंगलवार को बातचीत के दौरान मोदी को पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने एचआईटी ऐप के बारे में बताया। चंद्रशेखर ने कहा कि ऐप से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री ने देश भर में इसके उपयोग के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इसका विवरण भेजने का आदेश दिया।
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बुधवार को पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एचआईटी कोविड ऐप का एक पेज का विवरण भेजा है।’’मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घर में रहकर घातक बीमारी का इलाज करा रहे कोरोना वायरस रोगियों तक पहुंचने के लिए सोमवार को एचआईटी कोविड ऐप लॉन्च किया था।
एचआईटी ऐप को स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम बेल्ट्रोन द्वारा विकसित किया गया है। प्रत्यय अमृत ने कहा कि ऐप को शुरू में परीक्षण के आधार पर पांच जिलों में लॉन्च किया गया था और इसकी सफलता को देखते हुए इसे पूरे राज्य में शुरू किया गया है। हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जहां होम क्वारंटाइन मरीजों के बेहतर रखरखाव के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अभ्यास के हिस्से के रूप में 80,000 आशा या सहायक नर्स मिडवाइफ कार्यकर्ता और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) द्वारा प्रशिक्षित 15,000 ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड रोगियों के घर-घर सर्वेक्षण के लिए लगाया गया है। प्रत्यय ने कहा कि इस योजना ने सुपौल जिले में गंभीर रूप से बीमार दो कोविड रोगियों की पहचान करने में मदद की जिन्हें समय पर चिकित्सा प्रदान की गई थी।