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Statue of Peace: पीएम मोदी ने कहा, भारत ने हमेशा अहिंसा और बंधुत्व का मार्ग दिखाया

Statue of Peace: पीएम मोदी ने कहा, भारत ने हमेशा अहिंसा और बंधुत्व का मार्ग दिखाया

Statue of Peace: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को जैनाचार्य विजय वल्लभ सुरिश्वर जी महाराज की 151वीं जयंती समारोह (151st birth anniversary of Jainacharya Vijay Vallabh) के अवसर पर राजस्थान के पाली में 'स्टैच्यू ऑफ पीस' (PM Modi unviels Statue of peace) के अनावरण को अपना सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि देश ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची 'स्टेचू ऑफ यूनिटी' (Statue of Unity) के लोकार्पण का अवसर दिया था, और आज जैनाचार्य विजय वल्लभ जी की भी 'स्टेचू ऑफ पीस' के अनावरण का सौभाग्य मिल रहा है (PM Modi in Rajasthan Pali)।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा पूरे विश्व को, मानवता को, शांति, अहिंसा और बंधुत्व का मार्ग दिखाया है। ये वो संदेश हैं जिनकी प्रेरणा विश्व को भारत से मिलती है। इसी मार्गदर्शन के लिए दुनिया आज एक बार फिर भारत की ओर देख रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत का इतिहास आप देखें तो आप महसूस करेंगे, जब भी भारत को आंतरिक प्रकाश की जरूरत हुई है, संत परंपरा से कोई न कोई सूर्य उदय हुआ है। कोई न कोई बड़ा संत हर कालखंड में हमारे देश में रहा है, जिसने उस कालखंड को देखते हुए समाज को दिशा दी है। आचार्य विजय वल्लभ जी ऐसे ही संत थे (Vijay Vallabh Sadhna Kendra Jetpura Pali Rajasthan)।

प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअल माध्यम से मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक तरह से आचार्य विजयवल्लभ ने शिक्षा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान शुरू किया था। उन्होंने पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में भारतीय संस्कारों वाले बहुत से शिक्षण संस्थाओं की आधारशिला रखी। आचार्य जी के ये शिक्षण संस्थान आज एक उपवन की तरह हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, सौ सालों से अधिक की इस यात्रा में कितने ही प्रतिभाशाली युवा इन संस्थानों से निकले हैं। कितने ही उद्योगपतियों, न्यायाधीशों, डॉक्टर्स, और इंजीनियर्स ने इन संस्थानों से निकलकर देश के लिए अभूतपूर्व योगदान किया है। स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में इन संस्थानों ने जो योगदान दिया है, देश आज उसका ऋणी है। उन्होंने उस कठिन समय में भी स्त्री शिक्षा की अलख जगाई। अनेक बालिकाश्रम स्थापित करवाए, और महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ा।.