देश के बड़े शायरों में शुमार मुनव्वर राणा के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस किसी भी वक्त उनकी गिरफ्तारी कर सकती है। मुनव्वर राणा ने पेरिस में टीचर के कत्ल को जायज ठहराया था। राणा का तर्क था कि पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने वाले के साथ यही होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि 'अगर कोई हमारी मां का या हमारे बाप का ऐसा कार्टून बना दे तो हम तो उसे मार देंगे।'
मुनव्वर राणा ने एक चैनल पर यह भी विवादित बयान दिया था कि 'एमएफ हुसैन ने हिंदू देवी-देवताओं की विवादित पेंटिंग्स बनाईं तो उस बुजुर्ग शख्स, 90 साल के बूढ़े आदमी को देश छोड़कर भागना पड़ा।' मुनव्वर कहते हैं कि 'एमएफ हुसैन इस बात को जान चुके थे कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो उन्हें मार दिया जाएगा।
पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने पर हत्या को सही ठहराते हुए राणा ने कहा था कि 'जब हिंदुस्तान में हजारों साल से ऑनर किलिंग को जायज मान लिया जाता है कोई सजा नहीं होती है तो फ्रांस की घटना को नाजायज कैसे कहा जा सकता है।'
राणा का कहना था कि कार्टून पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम को बदनाम करने की नीयत से बनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी हरकतों की वजह से भी लोग ऐसे कदम उठाने को मजबूर होते हैं जैसा फ्रांस में हुआ। राणा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए भारत के फ्रांस का समर्थन करने को भी गलत बताया। राणा का आरोप था कि मोदी ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि राफेल सौदा बीच में आ रहा है। मोदी ने फ्रांस में आतंकी घटनाओं की निंदा करते हुए पीड़ितों के प्रति शोक जताया था।
इसके बाद, 29 अक्टूबर को भारत सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि वह "अंतर्राष्ट्रीय विमर्श के सबसे बुनियादी मानकों का उल्लंघन करते हुए राष्ट्रपति इम्मैनुअल मैक्रों पर अस्वीकार्य भाषा में व्यक्तिगत हमलों की दृढ़ता से निंदा करते हैं।" बयान में आगे कहा गया, "किसी भी कारण से या किसी भी परिस्थिति में आतंकवाद को लेकर स्पष्टीकरण दिए जाने का कोई औचित्य नहीं है।".