किसान कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब साढ़े पांच महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। देश के कई जगहों पर किसान आंदोलन चल रहा है। हालांकि सरकार की तरफ से कई बार किसानों से बात कर के इन कानून के फायदे समझाने का प्रयास किया गया है, लेकिन किसान नेता हैं कि मानने को तैयार नहीं हैं। अब खबर आ रही है कि पंजाब के अमृतसर में कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले करीब साढ़े पांच महीनों से रेल की पटरियों पर बैठे किसानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया है। किसानों ने गेहूं की फसल की कटाई के सीजन के मद्देनजर अपने आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया है। यहां बैठे किसान 169 दिनों के बाद धरने से उठे हैं।
सविंदर सिंह ने कहा, 'किसान केवल यात्री गाड़ियों को रोक रहे थे, लेकिन केंद्र ने मालगाड़ियों को भी रोकने का फैसला किया, जिससे किसानों, बिजनेसमैन और उद्योगपतियों को काफी नुकसान हुआ। वर्तमान परिस्थितियों में किसानों ने सहमति से यहां आंदोलन समाप्त करने का फैसला किया।' वहीं रेलवे अधिकारियों ने बताया कि अगले कुछ दिनों में ट्रेनों की आवाजाही पहले की तरह शुरू कर दी जाएगी। इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
डेप्युटी कमिश्नर गुरप्रीत खेड़ा ने कहा, 'अमृतसर के जंडियाला गुरु रेलवे स्टेशन पर धरना खत्म हो गया है। पैसेंजर ट्रेन अब यहां चलने लगी हैं।' प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रेनों के रद्द होने से किसानों और व्यापारियों को नुकसान हो रहा था। किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर रेल विभाग की तरफ से कुछ ही गाड़ियां चलाई जा रही थीं।
जंडियाला स्टेशन से किसानों का धरना स्थगित होने के बाद से अब दिल्ली से अमृतसर के बीच सीधी यातायात सेवा शुरू हो गई है। रूट खुलने से यात्रियों के साथ ही कुलियों को भी राहत मिली है। कुलियों के अनुसार बीते लंबे समय से उनका कामकाज ठप पड़ा था।