साल 2019 में हुए पुलवामा हमले में शहीद हुए मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की पत्नी नितिका कौल इंडियन आर्मी में शामिल हो गई है। नितिका भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनी है। भारतीय सेना की वर्दी पहन नितिका ने अपने पति शहीद मेजर विभूति शंकर का सपना पूरा किया। आपको बता दें कि 18 फरवरी 2019 को शहीद मेजर विभूति ढौंडियाल की पत्नी देहरादून से दिल्ली के लिए ट्रेन से ट्रैवल कर रही थी। वो दिल्ली में ही एक इंटरनेशनल कंपनी में नौकरी करती थीं और हफ्ते में अक्सर देहरादून अपने ससुराल आती रहती थीं।
उस दिन ट्रेन मुजफ्फरनगर ही पहुंची थी कि आर्मी हेडक्वार्टर से उन्हें फोन आया। फोन सुनकर मानों उनके होश ही उड़ गए। पति के पुलवामा में शहीद होने की सूचना मिली थी। इस खबर से मानो उनकी दुनिया ही उजड़़ गई हो। वो दिल्ली जाने के बजाय वापस देहरादून लौटी। घर के बाहर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ था। उनका पर्थिव शरीर देहरादून स्थित उनके घर पर पहुंच गया था। सेना के जवानों के कंधे पर तिरंगे से लिपटे ताबूत में घर पहुंचे बेटे को देखकर परिजन बिलख पड़े।
#MajVibhutiShankarDhoundiyal, made the Supreme Sacrifice at #Pulwama in 2019, was awarded SC (P). Today his wife @Nitikakaul dons #IndianArmy uniform; paying him a befitting tribute. A proud moment for her as Lt Gen Y K Joshi, #ArmyCdrNC himself pips the Stars on her shoulders! pic.twitter.com/ovoRDyybTs
— PRO Udhampur, Ministry of Defence (@proudhampur) May 29, 2021
हरिद्वार के खड़खड़ी श्मशान घाट ले जाने से पहले पत्नी निकिता ने भीड़ से हटकर अपने पति को फ्लाइंग किस दी और कहा- 'आई लव यू विभूति' और 'मैं भी आपकी तरह ही आर्मी ज्वाइन करूंगी ये मेरा वायदा है।' यहीं से निकिता ने सेना में अफसर बनने की जीतोड़ कोशिश शुरु कर दी। कड़ी मेहनत और लगन के साथ उन्होंने पिछले साल इलाहाबाद में वूमेन एंट्री स्कीम की परीक्षा पास की। उसके बाद चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से प्रशिक्षण लेने के बाद वो लेफ्टिनेंट बन गईं। लेफ्टिनेंट बनने के बाद निकिता की पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में हुई है।
आपको बता दें कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा में हुअ आतंकी हमले के बाद ही पुलवामा के पिंगलान गांव में आतंकियों को ढेर करने के लिए सेना ने एक ऑपरेशन चलाया था। पिंगलान में चलाए गए इस ऑपरेशन में आतंकियों की गोली लगने से चार सैनिक शहीद हो गए थे। इन शहीदों में मेजर रैंक के ऑफिसर विभूति ढौंढियाल भी शामिल थे।