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पंजाब में फहराया प्रतिबंधित संगठन का झंडा, NIA ने 6 के खिलाफ दायर की चार्जशीट

राष्ट्रीय जांच एजेंसी। फोटो-आईएएनएस

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पंजाब के मोगा में एक सरकारी इमारत में प्रतिबंधित संगठन (SFJ) के कार्यकर्ताओं द्वारा खालिस्तानी झंडा (Khalistan Flag) फहराने से संबंधित मामले में छह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। एनआईए के प्रवक्ता (Punjab Case) ने बताया कि एजेंसी ने इंद्रजीत सिंह, जसपाल सिंह, आकाशदीप सिंह, जगविंदर सिंह, गुरपतवंत सिंह पन्नून और हरप्रीत सिंह उर्फ रणजीत सिंह को आईपीसी की कई धाराओं, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और नेशनल ऑनर एक्ट के अपमान की रोकथाम के तहत नामजद किया है।

अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने पिछले साल पांच सितंबर को पंजाब के मोगा में उपायुक्त कार्यालय परिसर (Punjab Moga DC office) में एसएफजे कार्यकर्ताओं द्वारा खालिस्तानी झंडा फहराने से संबंधित मामले को अपने कब्जे में ले लिया। अधिकारी ने कहा, जांच से पता चला है कि आरोपी इंद्रजीत सिंह, जसपाल सिंह और आकाशदीप सिंह एसएफजे के कट्टरपंथी सदस्य थे, जो एक निषिद्ध गैरकानूनी एसोसिएशन है, और एसएफजे के गुरपतवंत सिंह पन्नून और राणा सिंह के साथ साजिश रची गई थी।

पिछले साल 14 अगस्त को मोगा के डीसी ऑफिस परिसर में खालिस्तानी झंडा (Khalistan Flag) फहराने और डीसी ऑफिस के परिसर में फहराए गए भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को भी फाड़ने में इंद्रजीत सिंह, जसपाल सिंह और आकाशदीप सिंह शामिल थे।

अधिकारी ने दावा किया कि उन्होंने इस घटना का वीडियो बनाया और इसे एसएफजे के पन्नुन और राणा सिंह को यूट्यूब, यूएस मीडिया इंटरनेशनल और एसएफजे चैनल जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित करने के लिए भेजा ताकि एसएफजे के अलगाववादी एजेंडे का प्रचार किया जा सके और अलग राज्य खालिस्तान बनाने के लिए जनमत संग्रह-2020 के समर्थन में । अधिकारी ने बताया कि पन्नून और राणा सिंह ने अपराध आयोग के बाद आरोपी इंद्रजीत सिंह और जसपाल सिंह को मनी ट्रांसफर सेवाओं के जरिए फंड भी भेजा।

अधिकारी ने कहा, जांच के दौरान, अपराध आयोग में अपनी मजबूत भागीदारी स्थापित करने वाले आरोपी व्यक्तियों से लैपटॉप, हार्ड डिस्क, अपराध सामग्री युक्त मोबाइल फोन जैसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया गया।