इधर इंडियन एयरफोर्स ने 'महाबली' के स्वागत पूरी शान-शौकत के साथ किया और उधर चीन-पाकिस्तान की सीने पर सांप लोटने लगा है। 'महाबली' मतलब राफेल। इंडियन एयरफोर्स का विधिवत हिस्सा बनने के बाद जब महाबली ने आसमान चिंघाड़ निकाली तो बीजिंग ने डर से खिड़की-दरवाजे बंद कर लिए वहीं इस्लाबाद में दुश्मन बंकरों में दुबक गये। बहरहाल, आसमान में अपने करतब दिखाने के बाद महाबलि (राफेल) वापस 'गोल्डन एरोज' के साथ पंक्तिवद्ध हो गया। राफेल के स्वागत समारोह (इंडक्शन सेरेमनी) में भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ले भी शामिल हुईं।
#RafaleInduction
IAF has formally inducted the #Rafale aircraft in 17 Squadron 'Golden Arrows' today, at Air Force Station, Ambala. The ceremony also marks #Rafale’s full operational entry into IAF.Glimpses of the Rafale in action with IAF. pic.twitter.com/WfohU5vMET
— Indian Air Force (@IAF_MCC) September 10, 2020
राफेल को भारत की जरूरतों के हिसाब से मॉडिफाई किया गया है। राफेल की रेंज 3,700 किलोमीटर है, यह अपने साथ चार मिसाइल ले जा सकता है। राफेल की लंबाई 15.30 मीटर और ऊंचाई 5.30 मीटर है। राफेल का विंगस्पैन सिर्फ 10.90 मीटर है जो इसे पहाड़ी इलाकों में उड़ने के लिए आदर्श एयरक्राफ्ट बनाता है। विमान छोटा होने से उसकी मैनुवरिंग में आसानी होती है।
भारतीय राफेल के मुकाबले में चीन का चेंगदू जे -20 और पाकिस्तान का जेएफ-17 लड़ाकू विमान हैं। मगर ये दोनों ही राफेल के मुकाबले थोड़ा कमतर हैं। चीनी जे-20 का मेन रोल स्टील्थ फाइटर का है, वहीं राफेल को कई कामों में लगाया जा सकता है। जे-20 की बेसिक रेंज 1,200 किलोमीटर है जिसे 2,700 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है। जे-20 की लंबाई 20.3 मीटर से 20.5 मीटर के बीच होती है। इसकी ऊंचाई 4.45 मीटर और विंगस्पैन 12.88-13.50 मीटर के बीच है यानी यह राफेल से खासा बड़ा है। पाकिस्तान के पास मौजूद जेएफ-17 में चीन ने पीएफ-15 मिसाइलें जोड़ी हैं मगर फिर भी यह राफेल के मुकाबले में कमजोर है।.