राजस्थान सरकार अपने अलग ही धून में चल रही है, गहलोत सरकार ने राज्य में पाकिस्तान से भाग कर हिंदुस्तान आए हिंदुओं को वैक्सीन लगाने से मना कर दिया है। केंद्र सरकार ने आदेश दे रखा है कि प्रवासियों को भी वैक्सीन लगाई जाए इसके बावजूद गहलोत सरकार ने टीका लगाने से मना कर दिया है। यह मामला जब कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने फटकार लगाते हुए जब पूछा की पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासियों सहित निर्धारित पहचान पत्र नहीं रखने वाले लोगों के टीकाकरण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, तो इसका जवाब देने में राज्य सरकार विफल रही। जिसके बाद कोर्ट ने अशोक गहलोत सरकार को फटकार लगाई है।
इस मामले में सुनवाई करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की 'निष्क्रियता' पर नाराजगी जताई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि वह पाकिस्तानी अल्पसंख्यक प्रवासियों, जिनके पास निर्धारित पहचान पत्र नहीं हैं, उन्हें कोविड-19 टीकाकरण के लिए पात्र क्यों नहीं मान रही है। जस्टिस विजय विश्नोई और जस्टिस रामेश्वर व्यास ने पाया कि उसके 28 मई के आदेश के बावजूद पाकिस्तानी अल्पसंख्यक प्रवासियों का टीकाकरण नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने राजस्थान सरकार से यह बताने को कहा कि वह केंद्र के नियमों द्वारा पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासियों को टीकाकरण के लिए पात्र बनाने के बावजूद उन्हें कोविड टीकाकरण के लिए पात्र क्यों नहीं मान रही हैं।
कोर्ट की जोधपुर पीठ ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि गहलोत सरकार द्वारा पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासियों सहित निर्धारित पहचान पत्र नहीं रखने वाले लोगों के टीकाकरण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, इसकी जानकारी भी कोर्ट को नहीं दी गई है। हाई कोर्ट ने कहा कि उसके द्वारा 28 मई को हुई पिछली सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया गया था कि किसी वैध पहचान दस्तावेज न होने पर टीकाकरण के लिए लोगों की पहचान के लिए केंद्र की एसओपी पाकिस्तानी प्रवासियों को टीकाकरण के लिए पात्र बनाती है। पीठ ने कहा, यह समझ पाना मुश्किल है कि राजस्थान सरकार केंद्र से और स्पष्टीकरण क्यों मांग रही है और एसओपी में पाकिस्तानी प्रवासियों को शामिल करने का आग्रह क्यों कर रही है।
हिंदू प्रवासी टीका के पात्र नहीं, लेकिन मुस्लिमों के लिए विशेष वैक्सीनेशन अभियान
बता दें कि, राजस्थान में एक ओर हिंदू प्रवासियों को टीका लगाने से गहलोत सरकार जहां मना कर रही है वही, मुस्लिमों के टीकाकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पाकिस्तानी अल्पसंख्यक प्रवासियों को केंद्र के नियमों और हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद गहलोत सरकार कोविड टीकाकरण के लिए पात्र नहीं मान रही है तो वहीं मुस्लिमों के टीकाकरण के लिए अलग से कैंप लगाकर विशेष टीकाकरण कार्यक्रम चला रही है।
बताते चलें कि, अभी हाल ही में राज्य में कोरोना वायरस के वैक्सीन की बर्बादी को लेकर पोल खुली थी। कई लाख वैक्सीन बर्बाद कर दी गईं, कहीं डस्टबीन में कोरोना टीका को फेंक दिया गया तो कहीं 12 फीट गड्ढों में गाड़ दी गई थी।