विपक्ष द्वारा लगातार तीसरे दिन मानसून सत्र का बहिष्कार करने के बीच विधायी कामकाज के पूरा होने के बाद बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही को अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्ष अपने आठ सांसदों के निलंबन के विरोध में सत्र का बहिष्कार कर रहा था।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अपने समापन भाषण में कहा कि सदन में कामकाज 96 प्रतिशत हुआ। यह इसका लगातार चौथा सत्र था, जिसमें इतने विधायी कार्य हुए।
सदन की कार्यवाही पहले 1 अक्टूबर तक चलने वाली थी लेकिन एक दर्जन से अधिक सांसदों के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद 10 दिनों की कार्यवाही के बाद अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन ने बुधवार को व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कार्य स्थिति संहिता 2020, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020, विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम (संशोधन) विधेयक, जम्मू-कश्मीर राजभाषा विधेयक, विनियोग विधेयक नं. 3 और 4, और 'द बाइलैटरल नेटिंग ऑफ क्वालिफाइड फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट्स बिल, 2020' को पारित किया।
इससे पहले, संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने उच्च सदन के सदस्यों को इसके स्थगन के बारे में सूचित किया था।
उन्होंने कहा था, "मुझे सदस्यों को सूचित करना है कि सरकार ने आज सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की सिफारिश करने का फैसला किया है। लेकिन लोकसभा द्वारा पारित कुछ महत्वपूर्ण विधायी कामकाज को सदन की कार्यवाही स्थगित होने से पहले ही निपटाना होगा।".