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बीजेपी सांसद ने अवधी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की उठाई मांग

बीजेपी राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक वाजपेयी।

Awadhi Language 8th Schedule: भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक वाजपेयी (BJP MP Dr. Ashok Vajpayee) ने अवधी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा है कि जिस भाषा में तुलसीदास जी ने राम चरितमानस की रचना कर भगवान राम के चरित्र को जन-जन तक पहुंचाया, उस भाषा के आठवीं भाषा में शामिल होने से हिंदी भाषा और समृद्ध होगी।

भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक वाजपेयी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा, "हिंदुस्तान की 5 करोड़ आबादी और उत्तर प्रदेश के 25 जिलों के लोग अवधी भाषा का प्रयोग करते हैं। तुलसीदास द्वारा मयार्दा पुरुषोत्तम राम पर रचित रामचरित मानस हो या हनुमान चालीसा और भी तमाम ग्रंथ इस भाषा में लिखे गए हैं। भगवान राम के जन्मस्थान से जुड़ी हुई अवधी भाषा का प्रयोग अनादि काल से हो रहा है।"

भाजपा के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि, "ऐसे समय में जब पांच सौ वर्षों के बाद भगवान राम की जन्मस्थली पर भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है, तब उनके जीवन चरित्र को हिंदुस्तान ही नहीं दुनिया के जनमानस से जोड़ने के लिए जिस भाषा में तुलसीदासम ने राम चरित मानस की रचना की है, उस अवधी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।"

उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 351 संघ को हिंदी भाषा को समृद्ध करने का अधिकार देता है। अवधी भाषा की समृद्धि से ही हिंदी भाषा समृद्धि होगी। इस नाते आठवीं अनुसूची में अवधी भाषा को शामिल करना जरूरी है।