किसानों ने 26 मई को राष्ट्रीय आंदोलन करने का ऐलान किया था, लेकिन देश में कोरोना महामारी में बढ़ते संक्रमण और राज्य सरकारों द्वारा लागू पाबंदियों की वजह से यह आंदोलन टाल दिया गया है। राकेश टिकैत ने कहा है कि हम काले झंडे फहराएंगे। देश में किसी भी तरह का आंदोलन या फिर सार्वजनिक सभा का आयोजन नहीं किया जाएगा और कोई भी किसान दिल्ली की ओर मार्च नहीं करेगी।
राष्ट्रीय आंदोलन तो टाल दिया गया है लेकिन इस बीच अब राकेश टिकैत का कहना है कि वो सरकार के खिलाफ काले झंडे फहराएंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि, लोग जहां भी होंगे, वहीं काले झंडे फहराएंगे। हमें आंदोलन करते हुए करीब 6 महीने गुजर चुके हैं, लेकिन सरकार ने तीनों काले कानूनों को वापस नहीं लिया है।' किसानों की ओर से 26 मई का दिन ब्लैक डे के तौर पर मनाया जाएगा।
इससे पहले रविवार को राकेश टिकैत ने कहा था किसान संगठन केंद्र सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। लेकिन इसके साथ ही एक बार फिर से अड़ियल रुख दिखाते हुए उन्होंने कहा था कि सरकार से बातचीत तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के मुद्दे पर ही होगी। मांगें पूरी हुए बिना किसानों की घर वापसी का कोई सवाल ही नहीं उठता। मोहाली में मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत ने यह बात कही थी। वह शहीद-ए-आजम भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधू की मौत पर परिवार से मुलाकात करने जा रहे थे। संधू की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हुई थी। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार जब भी चाहेगी, संयुक्त किसान मोर्चा बातचीत के लिए तैयार है।
बताते चलें कि, तीन नए कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर देश भर के 40 किसान संगठन गाजीपुर, टिकरी और सिंघू समेत दिल्ली के कई बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते साल अक्टूबर के अंत से ही राजधानी की सीमाओं पर किसानों ने रोड जाम कर डेरा डाला हुआ है। तीनों कृषि बिलों समेत कई मुद्दों पर किसानों की सरकार के साथ कई बार बात हो चुकी है लेकिन, अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है।