अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की तैयारी पूरी कर ली गई है। अगले कुछ दिनों में मंदिर निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। नये साल के शुरुआत में ही कार्य शुरू हो जाने की संभावना है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद बताया कि अगले 15 दिन के अंदर मंदिर की नींव का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाने की संभावना है।
राय ने बताया कि बैठक के दौरान नींव निर्माण कार्य के लिए वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के साथ चर्चा की गई। उन्होंने कहा, बहुत बड़ा होमवर्क हुआ है।
पीएम नरेंद्र मोदी को मंदिर का भूमि पूजन किए हुए कई महीने हो चुके हैं। इसके बाद से एक विशेषज्ञ समिति सदियों तक मजबूत रहने वाली नींव तैयार करने के लिए लगातार गहन मंथन कर रही है। मजबूत आधार सुनिश्चित करने के लिए गठित समिति को मिट्टी, उसकी मजबूती व पकड़ आदि समेत मजबूत नींव के लिए आवश्यक तमाम तकनीकी पहलुओं से जुड़ी रिपोर्ट का इंतजार है, जिसे तैयार करने की जिम्मेदारी हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के कंधों पर है।
राय ने कहा, यह चर्चा अब अंत की ओर है और एनजीआरआई के सुझाव नींव का काम शुरू करने के लिए निर्णायक माना जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए एनजीआरआई के 14 टेकनीशियन इस समय अयोध्या में काम कर रहे हैं, जो आठ दिन तक मिट्टी और जमीन का अध्ययन करेंगे व इसके फोटोग्राफ लेंगे। रिपोर्ट आने में करीब 15 दिन लग सकते हैं।
उन्होंने कहा, एक बार एनजीआरआई के वैज्ञानिक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे देंगे तो विशेषज्ञ समिति दोबारा से बैठक कर रिपोर्ट का अध्ययन करेगी। उन्होंने बताया कि बैठक में लार्सन एंड ट्रुबो और टाटा कंसल्टिंग के इंजीनियर भी मौजूद रहेंगे और मिलकर पूरी रिपोर्ट के हिसाब से सबकुछ तय किया जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों का मानना है कि मंदिर का ढांचा अगले 1000 साल तक सुरक्षित रहने लायक होना चाहिए। चंपत राय ने कहा, जिस जमीन पर अयोध्या मंदिर का निर्माण होना है, वह कुछ खास हालात लिए हुए है।
यह सरयू नदी के किनारे पर है और विशेषज्ञों का मानना है कि सरयू की एक धारा मंदिर की जमीन के अंदर से भी बह रही है। यह कितनी गहरी है और यदि 200 साल में बाढ़ की स्थिति बनी तो इसका क्या असर होगा। उन्होंने कहा, आज की तारीख में अयोध्या में भूकंप नहीं आया है, लेकिन हमारा मानना है कि आने वाले सालों में कंपन की स्थिति बन सकती है। हमें सालों आगे का सोचने की आवश्यकता है।.