इंसान जब-जब मुश्किल में फंसता है तो भगवान के चरणों में जाता है। ऐसा ही हमारे देश की राजनीति पार्टियों भी करती है। जब-जब लगता है कि समय मुश्किल है तो वो भी धर्म और भगवान के सहारे अपनी राजनीति चमकाते हैं। देश में राम हर पार्टी के एजेंडे में है। राम के नाम पर देश का हर दल अलग-अलग तरीकों से लाभ लेती आयी है। अब इसमें भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी भी शामिल हो गई है। केरल की लेफ्ट पार्टियां बेजीपी और संघ को वैचारित टक्कर देने के लिए अब राम के शरण में आ गई हैं।
कभी हिंदुत्व के खिलाफ राजनीति करने वाली भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी फिलहाल भगवान राम और रामायण की बात कर रही है। दरअसल केरल में पार्टी की मलप्पुरम जिला कमिटी ने रामायण पर ऑनलाइन संवाद की सीरीज शुरू की है। इसे दक्षिणपंथी संगठनों और संघ परिवार (RSS) के खिलाफ सियासी जंग में नया हथियार माना जा रहा है। सीपीआई मलप्पुरम की जिला कमेटी ने अपने फेसबुक पेज पर सात दिवसीय ऑनलाइन संवाद का सिलसिला शुरू किया है और इसके लिए जानकारी भी दे दी गई है। पार्टी के राज्य स्तरीय नेता रामायण और राम पर अपनी बात रख रहे हैं।
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी मलप्पुरम के जिला सचिव पीके कृष्णादास ने रामायण के इस संवाद कार्यक्रम पर जानकारी देते हुए बताया, वर्तमान समय में सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतें हिंदुत्व से जुड़ी हर चीज पर अपना इकलौता दावा करती हैं। खास तौर से बड़े पैमाने पर समाज और अन्य राजनीतिक दल इससे दूर जा रहे हैं। रामायण जैसे महाकाव्य हमारे देश की साझी परंपरा और संस्कृति का हिस्सा हैं। उन्होंने आगे कहा कि टॉक सीरीज के जरिए पार्टी ने कोशिश की है कि प्रगतिवादी दौर में रामायण को कैसे पढ़ा और समझा जाना चाहिए।