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Ratan Tata के हाथों में PM Cares Fund की जिम्मेदारी- बनाए गए ट्रस्टी

Ratan Tata nominated as trustee of PM Cares Fund

Ratan Tata PM Cares Fund: भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata PM Cares Fund) को पीएम केयर फंड का ट्रस्टी बनाया गया है। रतन टाटा (Ratan Tata PM Cares Fund) के अलावा इसमें दो लोग और शामिल हैं, जिसमें पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज केटी थॉमस हैं और दूसरी पूर्व उप-लोकसभापति करिया मुंडा हैं। इन तीनों को पीएम केयर्स फंड की जिम्मेदारी दी गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस संबंध में बयान जारी कर फैसले की पुष्टि की गई है। पीएम मोदी ने पीएयम केयर्स फंड के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (Ratan Tata PM Cares Fund) के साथ बैठक की थी।

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PMO के मुताबिक इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही नवनियुक्त ट्रस्टी के टी थॉमस, रिया मुंडा और अध्यक्ष रतन टाटा शामिल हुए थे। बैठक में भारत के पूर्व नियंत्रक व महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि, इंफोसिस फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्ष सुधा मूर्ति और इंडी कोर्प्स और पीरामल फाउंडेशन के पूर्व कार्यकारी अधिकारी आनंद शाह को पीएम केयर्स फंड के सलाहकार बोर्ड में मनोनीत करने का भी फैसला लिया गया। PMO के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, नए ट्रस्टी और सलाहकारों की भागीदारी से पीएम केयर्स फंड की कार्यप्रणाली को व्यापक दृष्टिकोण मिलेगा। सार्वजनिक जीवन में उनका व्यापक अनुभव, इस कोष को विभिन्न सार्वजनिक आवश्यकताओं के प्रति अधिक उत्तरदायी बनाने में और अधिक उत्साह प्रदान करेगाष

बैठक के दौरान कोरोना के चलते अपने परिजनों को खो चुके 4.345 बच्चों की मदद करने वाले ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ सहित पीएम केयर्स की मदद से शुरू की गई विभिन्न पहलों के बारे में एक प्रस्तुति दी गई। ट्रस्टी की ओर से कोविड काल में इस कोष द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की गई जबकि प्रधानमंत्री ने पीएम केयर्स में दिल खोलकर योगदान देने के लिए देशवासियों की प्रशंसा की।

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क्या है पीएम केयर्स फंड
पीएम केयर्स फंड की बात करें तो कोरोना महामारी की शुरुआत के कुछ दिनों बाद ही इसकी स्थापाना की गई। इस फंड की शुरुआत महामारी के चलते उत्पन्न हुई किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में मदद मुहैया कराने व प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए कई गई थी। इस फंड में किसी भी शख्स या संस्थान द्वारा स्वैच्छिक रूप से दान किया जा सकता था। इसमें किए गए डोनेशन पर टैक्स छूट के लिए दावा भी किया जा सकता है।