सोशल मीडिया को लेकर केंद्र सरकार सख्त है, पिछले काफी समय से कई मामले सामने आए हैं जिसमें यह देखा गया है कि सोशल मीडिया के जरिए झूठ फैलाया गया। यहां तक की कई जगहों पर हिंसा में भी सोशल मीडिाय का अहम भूमिका रहा है। सीएए-एनआरसी से लेकर कोरोना काल तक, किसान आंदोलन में भी सोशल मीडिया के जरिए जमकर अराजकता फैलाया गया। यही कारण है कि केंद्र सरकार ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सएप को लेकर सख्त है। अब ऐसा मालूम होता है कि इन सोशल मीडिया के रवैए को लेकर सरकार देसी सोशल मीडिया कंपनी को (KOO) पर पोस्ट कर इन कंपनियों को संदेश दे रही है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को Koo पर एक पोस्ट किया जिसमें सोशल मीडिया कंपनियों के लेकर बनाए गए नए नियमों पर सरकार का पक्ष रखा। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नए नियम सिर्फ सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए ही बनाए गए हैं। सोशल मीडिया कंपनियों ने नए नियमों को लेकर प्रश्न उठाया था और कहा था कि इससे निजता खत्म होगी। Koo पर लिखे अपने पोस्ट में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार पूरी तरह से निजता के अधिकार को समझती है और उसका सम्मान करती है, तथा WhatsApp के सामान्य उपयोगकर्ताओं को इन नियमों से डरने की भी जरूरत नहीं है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नए नियमों का पूरा मकसद यह पता करना है कि असल में पहली बार विवादित मैसेज का पोस्ट किसने किया था जिसकी वजह से अपराध होते हैं।
Government fully recognises and respects the right of privacy. Ordinary users of WhatsApp have nothing to fear about the new Rules. Its entire objective is to find out who started the message that led to commissioning of specific crimes mentioned in the Rules. pic.twitter.com/VCVYkwiftG
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) May 27, 2021
इसके आगे उन्होंने कहा कि, ऑफेंसिव मैसेज के पहले ओरिजिनेटर के बारे में जानकारी देना पहले से ही प्रचलन है। ये मैसेज भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, बलात्कार, बाल यौन शोषण से संबंधित अपराधों से संबंधित है। नए नियम के तहत सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में शिकायत निवारण अधिकारी, अनुपालन अधिकारी और नोडल अधिकारी स्थापित करने की आवश्यकता है जिससे सभी सोशल मीडिया यूजर्स को शिकायत निवारण के लिए एक मंच प्राप्त हो सके।