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Ravidas Jayanti 2021: आज है संत रविदास जयंती, जानें कैसे था उनका जीवन

Ravidas jayanti 2021

आज संत रविदास जयंती है। 27 फरवरी 2021 यानी शनिवार को मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन ही रविदास जयंती मनाई जाती है। संत रविदास की गिनती महान संतों में होती है। संत रविदास बहुत ही सरल हृदय के थे और दुनिया का आडंबर छोड़कर हृदय की पवित्रता पर बल देते थे। इस बारे में उनकी एक कहावत – "जो मन चंगा तो कठौती में गंगा" काफी प्रचलित है।

इस कहावत को जोड़कर एक कथा भी है। कहते हैं कि एक बार एक महिला संत रविदास के पास से गुजर रही थी। संत रविदास लोगों के जूते सिलते हुए भगवान का भजन करने में मस्त थे। तभी वह महिला उनके पास पहुंची और उन्हें गंगा नहाने की सलाह दी। फिर क्या मस्तमौला संत रविदास ने कहा कि जो मन चंगा तो कठौती में गंगा। यानी यदि आपका मन पवित्र है तो यहीं गंगा है। कहते हैं इस पर महिला ने संत से कहा कि आपकी कठौती में गंगा है तो मेरी झुलनी गंगा में गिर गई थी। आप मेरी झुलनी ढ़ूढ़ दीजिए। इस पर संत रविदास ने अपनी चमड़ा भिगोने की कठौती में हाथ डाला और महिला की झुलनी निकालकर दे दी। इस चमत्कार से महिला हैरान रह गई और उनके प्रसिद्धि के चर्चे दूर-दूर तक फैल गए।

संत रविदास जी के पिता जूते बनाने का काम करते थे। रविदाज जी भी अपने पिता की जूते बनाने में मदद करते थे।  इस कारण उन्हें जूते बनाने का काम पैतृक व्यवसाय  के तौर पर मिला। उन्‍होंने इसे खुशी से इसे अपनाया और पूरी लगने के साथ वह जूते बनाया करते थे। साधु-संतों के प्रति शुरुआत से ही संत रविदास जी का झुकाव रहा है। जब भी उनके दरबार पर कोई साधु- संत या फकीर बिना जूते चप्पल के आता था, तो वह उन्हें बिना पैसे लिए जूते चप्पल दे दिया करते थे।